बचपन से लेकर पचपन तक टीके ही टीके: डॉ.डीडी सिंह

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। चाइल्ड केयर क्लिनिक सिधारी पर शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.डीडी सिंह ने राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर कहा कि किसी बीमारी के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्युनिटी बढ़ाने के लिए टीकाकरण बेहतर और आवश्यक उपाय है। संक्रामक रोगी की रोकथाम के लिए टीकाकरण सबसे उपयुक्त, प्रभावी और सस्ती व्यवस्था मानी जाती है, लेकिन रूढ़िवादी परंपराओं के तहत आज भी ग्रामीण क्षेत्र के बहुत सारे बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें असाध्य रोगी बना देता है। टीकाकरण के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। यह अभियान कोरोना काल के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि टीके लगवाने के दिन अगर बच्चा मामूली रूप से बीमार है, सर्दी, खांसी, दस्त से पीड़ित है, तब भी उसे समय अनुसार टीके लगवाना सुरक्षित है। शिशु को लगने वाला कोई टीका पकता है और किसी में बुखार आता है या दर्द होता है, तो ऐसी स्थिति में घबराए नहीं। टीबी से बचाने वाला बीसीजी का टीका पक भी सकता है। टीका पकना या बुखार आना बताता है कि टीके ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। अब बच्चा उस बीमारी से पूरी तरह सुरक्षित है। बच्चों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए जरुरी है कि आप उन्हें समय पर टीके जरूर लगवाएं।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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