लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील के बैरीडीह गांव निवासी शायर मैकश आज़मी को उर्दू एकेडमी सम्मानित करेगा। इसकी सूचना मिलते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी।
‘तेरी चाहत में हम दरबदर हो गए’ मैकश आज़मी का यह शेर काफी मशहूर हुआ था। यही नहीं उन्होंने एक से बढ़कर एक ऐसी शायरी की है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। दूसरे शब्दों में कहा जाए कि हिंदी उर्दू के प्रसिद्ध शायर और कवि मैकश आज़मी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं तो शायद गलत न होगा। उनकी बेहतरीन शायरी से देश से लेकर विदेशों तक रहने वाले लोग अच्छी तरह परिचित हैं। उन्होंने उर्दू में काव्य संग्रह उफ़ की भी रचना की थी। इसे कौमी कौंसिल बराय फरोग़ उर्दू दिल्ली ने प्रोत्साहन के लिए 25 हजार की रकम से खरीदा भी था।
इसकी लोकप्रियता से प्रभावित होकर उर्दू एकेडमी उत्तर प्रदेश ने 2021 के लिए उनके इस काव्य संग्रह उफ़ के लिए उन्हें पुरस्कृत करने का एलान किया है। इन पुरस्कारों में जनपद के 11 अन्य लोगों के भी पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की गई है। लेकिन लालगंज तहसील क्षेत्र के बैरीडीह के शमशाद अहमद उर्फ मैकश आज़मी अकेले ऐसे शख्स हैं जिन्हें यह अवार्ड प्राप्त होगा। क्षेत्र के लोग भी उन्हें बधाई देने के साथ खुशी का इजहार कर रहे हैं।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद