पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जनपद में बृहस्पतिवार की रात से ही आंधी तूफान शुरू हो गया। दिन में इंद्र भगवान ने अपनी लीला शुरू कर दी जिससे किसानों की चिंता बढ़ गयी। बारिश होने से किसानों की कटाई व मड़ाई का कार्य पूरी तरह से बाधित हो गया।
किसान अपनी व्यथा किससे कहें किसानों की सारी कमाई अभी खेत में पड़ी है अभी तक केवल 10 प्रतिशत लोग ही गेहूं की कटाई मडाई करा पाए थे। किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर गया। मौसम विभाग ने एलर्ट भी किया था जिसको देखते हुए किसान दिन-रात एक करके गेहूं की कटाई मडाई में लगे थे लेकिन इंद्रदेव के ऊपर किसी का बस नहीं चला। कुछ किसानों ने खेत में गेहूं की फसल को काट कर छोड़ा था तो कुछ ने बोझ बांध कर छोड़ा था लेकिन इंद्रदेव को जरा भी रहम नहीं आई। इस मौसम से किसानों के फसलों की कटाई मडाई अब 10 दिन पीछे हो गई। गेहूं के दाने भी काले पड़ जाएंगे जिससे किसानों को गेहूं के अच्छे रेट नहीं मिल पाएंगे। किसानों का खाद बीज और ट्रैक्टर की जुताई तथा पानी का पैसा भी गेहूं बेचकर उसी के पैसे से भरना पड़ता है। इस मामले को लेकर किसानों में भारी चिन्ता बनी हुई है।
फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय तहसील क्षेत्र बीन मौषम के वर्षा ने किसानों के कटाई ओर मढाई का कार्य बाधित कर दिया ।बड़े किसान या जिन्हें भूषा की आवश्यकता नही थे वो किसान ज्यादातर सफल रहे कम्बाईन मशीनों से अपनी फसल कटवाकर अनाज घरों में रख लिया।हा आज भी वही किसान परिसान है जिसके सामने मजदूरों की समस्या थी या वह किसान जो पशु पालक है उन्हें भूषा की आवश्यकता है वही कटाई किये तो मढाई नही करा सके या तो गेंहू की फसल खेत मे खड़ी है या मढाई के लिए खेत खलिहान में पड़ी है ।किसान मखनचू शर्मा दिनेश पाल राम आसरे पाल सोएब अहमद मनीष कुमार आदि ने बताया कि अब अगर मौषम खुला तो दस दिन बाद मढाई हो सकेगी जो फसल खड़ी है ।वो तो जल्दी सुख जाएगी पर जो बोझ बांधकर रखा गया उसे फैलाना पड़ेगा सब मिलाकर अब पूरा महीना कटाई मढाई भूषा रखने में लग जायेगा।
अतरौलिया प्रतिनिधि के अनुसार अचानक मौसम के बिगडे मिजाज से किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। पूरे क्षेत्र में तेज हवा और बारिश ने गेहूं की कटाई और मढ़ाई पर असर डाला तो वही फसल की बर्बादी का डर भी किसानों को सताने लगा है। जब किसान अपने खून-पसीने से उगाई गई गेहूं की फसल की कटाई और मढ़ाई में जुटे हुए थे, तभी मौसम ने करवट ले ली। बृहस्पतिवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और दोपहर तक अचानक तेज हवा के साथ बारिश ने दस्तक दे दी। इस समय यह बदलाव किसानों के लिए किसी संकट से कम नहीं है जब खेतों में गेहूं की फसल लगभग पक चुकी थी, और कई जगहों पर कटाई के बाद खेत में ही मढ़ाई की जा रही थी। लेकिन मौसम की मार ने किसानों की सारी मेहनत और अरमानो पर पानी फेरने की कगार पर ला खड़ा कर दिया।