अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जहां स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार दावा कर रहे हैं वहीं क्षेत्र में दर्जनों अस्पताल बिना लाइसेंस के ही संचालित हो रहे हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग के पास सब जानकारी होने के बावजूद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। ऐसे में गरीबों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। कम पैसे में बेहतर इलाज और ऑपरेशन का लालच देकर उनका शोषण किया जाता है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को ऑपरेशन कर बच्चा भी पैदा कराया जा रहा है।
क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से दर्जनों फर्जी अस्पताल बेहतर ढंग से संचालित हो रहे हैं। इन्ही झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर कितने लोग अपनी जिंदगी तक गवां चुके हैं फिर भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मौन है। बिना मान्यता के संचालित हो रहे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग इतना मेहरबान क्यों है इस संदर्भ में जब डिप्टी सीएमओ से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि जब तक कोई शिकायतकर्ता लिखित शिकायत नहीं करता है तब तक हम लोगों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि सीएमओ का भी यही निर्देश है कि लिखित शिकायत के बाद उस अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि पीड़ित शिकायत करेगा या जनता, जबकि स्वास्थ्य विभाग आंख पर पट्टी बांध चुका है। सब कुछ देखते हुए भी अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर नजर नहीं फेरता। अगर ऐसे में किसी झोलाछाप डॉक्टर के चंगुल में फंसकर किसी गरीब की जान चली जाएगी तो जिम्मेदार कौन होगा? जबकि इस तरह की घटना क्षेत्र में कई बार हो चुकी है। बिना मान्यता के संचालित अस्पतालों में जब किसी असहाय और गरीब की जान चली जाती है तब स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटती है।
रिपोर्ट-आशीष निषाद