विश्वविद्यालय परिसर से निकली तिरंगा यात्रा

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय परिसर में हर घर तिरंगा अभियान-2025 के तहत मंगलवार को भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने हरी झंडी दिखाकर तिरंगा यात्रा को रवाना किया जो विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य गेट से होते हुए शैक्षणिक भवन-एक एवं शैक्षणिक भवन-दो के साथ-साथ पूरे परिसर का चक्रमण करते हुए प्रशासनिक भवन के सामने पहुंचकर समाप्त हुई।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में चहुंओर तिरंगे की धूम रही। बहुत ही अ-विस्मरणीय और भव्य नजारा था, देशभक्ति का खुमार सभी के सर चढ़कर बोल रहा था। परिसर से लगे अगल-बगल के ग्रामवासी अचंभित थे, वे आपस में चर्चा करते नजर आए की 15 अगस्त तो अभी 3 दिन बाद है पूरे विश्व विद्यालय कैंपस में इतना तिरंगा क्यों फहरा रहा है? तो कुछ बुद्धिजीवी वर्ग एवं छात्र-छात्राएं ग्राम वासियों को यह समझाने में सफल रहे कि इस तरह के आयोजन राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश एवं कुलपति प्रो. संजीव कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया है। सभी ग्रामवासियों व क्षेत्रवासियों ने कंठमुख से इस भव्य आयोजन की प्रशंसा की। विश्वविद्यालय परिसर के प्राध्यापक, नॉन-टीचिंग स्टाफ एवं छात्र-छात्राए सभी देश-भक्ति के रंग में रंगे दिखे।
जब विश्वविद्यालय के कुलपति ने हरी झंडी दिखाकर तिरंगा यात्रा को रवाना किया तो छात्र यह गीत गुनगुनाते हुए आगे बढ़े विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा। इस गाने की बोल सुनकर विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव तथा कई वरिष्ठ एवं कनिष्ठ प्राध्यापकगण अपने को रोक नहीं सके और वह स्वयं तिरंगा यात्रा का लुफ्त उठाते नजर आए। छात्र-छात्राओं में उस समय जोश सातवें आसमान पर चला गया जब यात्रा का नेतृत्व खुद कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने करना शुरू किया। कुलसचिव कर्नल अंजलि कुमार मिश्रा भी अपने को छात्रों के साथ आबद्ध करते हुए भारत-माता की जय के नारे लगाते हुए आगे बढ़े। कार्यक्रम में उप कुल सचिव केस लाल, डॉ. नितेश, डॉ. अग्रहरि, डॉ. प्रियंका, डॉ. निधि, डॉ.वैशाली, डा. परमानंद, डॉ. शिवेंद्र डॉ. ऋतंभरा, डॉ. त्रिशिका, डॉ. शुक्ला डा. शुभम राय आदि के साथ-साथ कुलपति के निजी सहायक भूपेंद्र पांडे एवं विपिन शर्मा तथा प्रियांशु की गरिमामयी उपस्थिति थी।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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