आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बंदरों के आतंक से दुकान से सामान लेकर घर तक पहुंचना काफी दुष्कर कार्य है। इतना ही नहीं ये उत्पाती बंदर घर में घुसकर किचन से भी सामान उठा ले जाते हैं। छत पर सूख रहे कपड़ों की दुर्गति करना इनका स्वभाव बन चुका है। बंदरों के आतंक से नगरवासी परेशान हैं। सारी स्थितियों से अवगत होते हुए भी नगर पालिका प्रशासन व जिला प्रशासन इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
बंदर सड़क पर चलते समय छोटे बच्चों व महिलाओं का मार्ग अवरूद्ध कर देते हैं। उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। दवा की दुकान से दवाईयां हो या कोई खाद्य सामग्री, राशन हाथ में हो ये उत्पाती बंदर झपट कर ले भागते हैं। यदि संभल कर न रहें तो ये काट कर घायल कर देते हैं। इनसे बचाव के लिए राहगीर ईंट का टुकड़ा लेकर चलते हैं। पूर्व मंे तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस समस्या की ओर ध्यान देते हुए कुछ बंदरों को बाहर छोड़वाया था। लेकिन उसके बाद वे पुनः वापस लौट आये। वर्तमान मंे नगर पालिका व जिला प्रशासन इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। नागरिकों ने समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमाार