आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भाजपा जिला कार्यालय पर डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर चल रहे सेवा पखवाड़ा के तहत शुक्रवार को आयोजित विचार गोष्ठी प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने सपा को दलित-पिछड़ा विरोधी बताया तो वहीं राहुल गांधी के हिंदुत्व पर सवाल उठा दिया। आरंभ में मंत्री ने जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण पाल के साथ पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया। अनिल राजभर ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मात्र 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता यूनिवर्सिटी के कुलपति बने। विद्वता का पैमाना डा. श्याम प्रसाद मुखर्जी जब 1947 में पहले सरकार का गठन हुआ तो कैबिनेट मंत्री बने। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार जब दिशा से भटकने लगी तब 1950 में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और 1951 में जनसंघ की स्थापना की। 23 जून 1953 को उनका बलिदान क्यों हुआ, यह देश को जानने और समझने की आवश्यकता है। राजभर ने बताया कि उस समय भारत का कोई भी नागरिक बिना परमिट के कश्मीर में प्रवेश नहीं कर सकता था। तब मुखर्जी ने आवाज उठाई और नारा दिया एक देश में दो विधान दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेगा। उन्होंने कश्मीर के परमिट सिस्टम को तोड़कर कश्मीर में प्रवेश किया और उनको गिरफ्तार कर कश्मीर की जेल में डाल दिया गया, जहां से वह जीवित वापस नहीं आए।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संसद में हिंदुओं की बात कर रहे हैं। ऐसे में उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने धर्म परिवर्तन कब किया और यदि उन्होंने धर्म परिवर्तन नहीं किया तो उनके खून में ही हिंदुओं का विरोध है। कहा कि प्रदेश में चार बार की सपा सरकार ने दलित और पिछड़ों का सबसे ज्यादा नुकसान किया। इस अवसर पर जयंत सिंह, देवेंद्र सिंह अवनीश मिश्रा, डा.श्याम नारायण सिंह, माहेश्वरी कांत पाण्डेय, पूनम सिंह, विवेक निषाद आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार