आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जीवन दायिनी तमसा नदी के प्रदूषण का हाल जानने के लिए सोमवार को लोक दायित्व ने नाव से तमसा नदी की यात्रा की। सिलनी और तमसा के संगम चंद्रमा ऋषि के आश्रम से प्रारंभ यात्रा लगभग आठ किमी का सफर की। यात्रा के आरंभ स्थल पर चंद्रमा ऋषि आश्रम के महंत, राघवेंद्र मिश्रा, जय सिंह आदि उपस्थित थे। यात्रा में भूगोलवेत्ता एवं श्री गांधी पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. दुर्गा प्रसाद अस्थाना, नदी कार्यकर्ता पवन कुमार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अखिलेश एवं अमित पांडेय थे। यात्रा में प्रारंभिक स्थल सहित कुल सात स्थानों से पानी का सैम्पल भी लिया गया, जिसमें राजघाट, मोहटी नाला, हड़हा नाला, रैदोपुर नाला, गौरीशंकर घाट का नाला तथा धरमु नाला शामिल है। इसकी जांच अधिकृत लैब से कराई जाएगी, जिससे नदी में प्रदूषण का स्तर तथा कारणों का ज्ञान हो सकेगा। यात्रा के संयोजक पवन कुमार ने बताया कि यह यात्रा विषय विशेषज्ञ डॉ. दुर्गा प्रसाद अस्थाना के नेतृत्व में की जा रही है। किनारे की वनस्पतियों, मानव हस्तक्षेप से आ रही दुश्वारियों, तट प्रांत में स्थित पौधे, नदी का ढाल व इसके जल क्षेत्र में हुए निर्माण को केंद्र में रखकर यह यात्रा की जा रही है।
डॉ दुर्गा प्रसाद अस्थाना ने बताया कि यह तमसा पर पहली यात्रा है, इस प्रकार की अन्य यात्राओं के माध्यम से हमारी टीम द्वारा नदी में व्याप्त समस्यायों पर विश्लेषण किया जाएगा। उसी के आधार पर हम सभी नदी को स्वस्थ रखने के लिए स्वयं कार्य करेंगे तथा शासन प्रशासन के पटल पर इस विषय को रखा जाएगा।
यात्रा के दौरान लगभग दो दर्जन छोटे-बड़े नाले चिह्नित किए गए जिसके माध्यम से पूरे शहर का गंदा एवं जहरीला पानी नदी में गिरता है। आदेश के बाद भी मूर्ति विसर्जन के अवशेष जगह-जगह दिखाई दिए। सैंपल की रिपोर्ट लैब से आने के बाद यात्रा से प्राप्त तथ्यों एवं अनुभवों पर एक विशेष रिपोर्ट लोक दायित्व द्वारा जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। अरविंद सिंह, गौरव रघुवंशी, अंकुर गुप्ता, आशीष यादव आदि समापन स्थल पर उपस्थित थे।
रिपोर्ट-सुबास लाल