माथे पर तिलक लगा भाई की कलाई पर बहनों ने बांधी स्रेह की डोर

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सुबह से लेकर रात तक हर तरफ उत्साह का माहौल था, लेकिन दिलों में तो उत्साह का उफान तो सोमवार को दिन के डेढ़ बजने के बाद नजर आया। कारण कि अबकी पूर्णिमा लगने के साथ रविवार की रात 2.15 बजे से ही भद्रा का साया भी चढ़ गया था, जो सोमवार को दिन के डेढ़ बजे तक रहा।
इंतजार की घड़ियां समाप्त होने के साथ माथे पर तिलक लगाकर बहनों ने रक्षा की डोर बांधी और उसके बाद आरती उतारकर भाइयों के मंगलमय जीवन की कामना की। वहीं भाइयों ने बहनों को तरह-तरह के उपहार दिए। रात भर दुकानें खुली रहीं। उधर महिलाओं के देर रात तक ससुराल से मायके पहुंचने का सिलसिला बना रहा। कहीं बहनें भाइयों के घर, तो कहीं भाई बहनों के घर पहुंचे। दूसरी तरफ कहीं कोरियर तो कहीं डाक कर्मी भी राखी का पैकेट लेकर घर खोजते रहे। इस कार्य में उनकी मदद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने की और संबंधित के घर तक पहुंचाया। पर्व के कारण मिठाई बाजार भी देर रात तक गुलजार रहा। ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन पहले मायके पहुंचने वाली बहनों ने रविवार को ही खरीदारी की, तो सोमवार को जाने वाली बहनों ने पर्व के दिन।
पटवध प्रतिनिधि के अनुसार-बहनों ने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर मंगल कामना की। बाइकों, आटो रिक्शा तथा बसों में बहनों भीड़ देखने में आ रही थी। वहीं मिष्ठान और फलों की दुकानों पर भी सुबह से लोगों की लाइन लगी थी।
फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार-चौक चौराहों पर मिठाई व राखी की दुकानों पर दिन भर भीड़ लगी रही। बहनों के हाथों राखी बंधवाकर भाइयों ने उनकी रक्षा का संकल्प लिया। छोटे भाइयांे ने पैर छूकर आर्शीवाद लिया, तो बड़ांे ने आशीर्वाद दिया।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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