लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिला एवं सत्र न्यायालय आजमगढ़ के तत्वावधान में ग्राम न्यायालय लालगंज द्वारा सचल न्यायालय का शुभारंभ सोफीपुर गांव में किया गया। इस अवसर पर ग्राम न्यायालय लालगंज के न्यायाधिकारी पुनीत मोदन दास ने बताया कि चार मुकदमे चिन्हित किए गए थे, जिनमें से तीन का मौके पर निस्तारण कर दिया गया जबकि एक मामले में सुलह के लिए वार्ता की गई।
उन्होंने बताया कि सचल न्यायालय का उद्देश्य उन बुजुर्गों, दिव्यांगों और पर्दानशीन महिलाओं को न्याय उपलब्ध कराना है, जो किसी कारणवश न्यायालय तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे मुकदमों का निपटारा गांव में ही करके न्याय को सुलभ और त्वरित बनाया जा रहा है।
वादी और प्रतिवादी गांव में ही न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रख सकते हैं, जिससे आपसी बातचीत से समझौते की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस प्रक्रिया में अधिवक्ताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। न्यायाधिकारी ने यह भी कहा कि हर सचल न्यायालय में कम से कम एक मुकदमे का निस्तारण होना चाहिए, जिससे शासन के आदेशों का पालन सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर पेशकार ज्वाला प्रसाद, लिपिक सादिक हुसैन, कोर्ट नाजिर विजय कुमार कुशवाहा, ग्राम प्रधान दिनेश यादव, दुर्गेश राय, धर्मेन्द्र यादव, राजेश यादव, उमेश यादव, लक्ष्मीकांत राय, फिरतू राम, फेकू राम, अजय यादव आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद