स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले खुद गंदगी में रहने को मजबूर

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फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बीमारियों से बचने के लिए बैठकों और गोष्ठियों में स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले खुद ही गंदगी के अंबार में रहने को मजबूर हैं। स्थानीय अधिकारियों द्वारा उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है। लेकिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
स्वास्थ चिकित्सा स्वच्छता पर निर्भर होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी समय-समय पर स्वछता पर गोष्ठी और बैठकें कर स्वच्छता व साफ सफाई के लिए आम लोगों को जागरूक करते रहते हैं। दो माह पूर्व संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया था। ब्लाक से लेकर शिक्षा विभाग, आंगनबॉड़ी और आशा कार्यकत्रियों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाते हुए आम जनमानस को जागरूक करने की व्यवस्था दी गयी थी। परन्तु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूलपुर के आवासीय परिसर भवन चाहे चिकित्सक का हो या कर्मचारियों का साफ सफाई का अभाव बना हुआ है। परिसर में बड़ी-बड़ी घास उगी हैं। आवासीय भवन की दीवार का प्लास्टर छूट रहे हैं और दीवारें दरक रही हैं। चिकित्सको के आवासीय भवन पर मरीजों की भीड़ देखी गयी। आवासीय भवनों की दीवार दरक गयी तो बड़ी दुर्घनाएं हो सकती हैं।
क्षेत्रवासी प्रमोद मोदनवाल, दीपक मोदनवाल, राम आसरे, चन्द्रभान यादव, बहादुर, रविन्द्र, मो. हसीब, मा.े आमिर का कहना है कि जब चिकित्सा विभाग के रहन सहन की यह व्यवस्था है तो स्वच्छता पर लम्बी-लम्बी बात करते खुद स्वच्छता के बीच नहीं रहते हैं। खुद की सुरक्षा का ध्यान नहीं तो जनता के प्रति कैसी सोच होगी।
इस संबंध में चिकित्साधीक्षक डा. शशिकान्त ने बताया कि भवनों के मरम्मत रंग रोगन कराने की सूचना उच्चाधिकारियो को लिखित दे दी गयी है। यह कार्य जिला स्तर से होता है। जहां तक साफ सफाई का मामला है अपने आसपास खुद से साफ सफाई रखनी चाहिए चाहे डाक्टर हो या आम जनता।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय

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