आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। अल सुबह लगभग पांच बजे तेज़ हवा के साथ आधा घंटा हुई हल्की बारिश के साथ तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट तो हुई, लेकिन दिन चढ़ने के साथ गर्मी और उमस से हर कोई बेचैनी महसूस करने लगा। हालांकि, इतनी ही बारिश धान की नर्सरी और ढैंचा आदि के लिए फायदेमंद जरूर रही।
दिनभर धूप और छांव का खेल चलता रहा। आसमान में बादल दिखने से बारिश की उम्मीद भी बनने लगी है। वहीं धूप के कारण जनजीवन बेहाल है। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अल सुबह आसमान में बादल मंडराने के साथ ही तेज हवा चली व हल्की बारिश हुई, जिससे वातावरण में नमी हुई और कुछ देर के लिए गर्मी से राहत मिली। तापमान में गिरावटी देखी गई लेकिन दोपहर बाद उमस ने लोगों को बेचौन कर दिया। बुधवार को अधिकतम तापमान 46 व न्यूनतम 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि गुरुवार को अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस पर रहा। 10 किलोमीटर तक की रफ्तार से बही पुरुआ हवा से नमी बनी रही, लेकिन उमस बरकरार रही। उमसभरी गर्मी से पशु-पक्षी परेशान दिखे। खासकर, खुले में घूम रहे बेसहारा पशु पानी व छांव की तलाश में भटकते रहे। गर्मी व उमस के कारण लोग तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
इनसेट—
फोटो-07-डा.एलसी वर्मा
‘सुबह कुछ देर की बारिश भी खेती-किसानी के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है। धान की नर्सरी में जान आई है, तो धान की संडा विधि से खेती को ज्यादा फायदा हुआ। खरीफ की सब्जियों और आम के बागों को भी फायदा होगा। आम तेजी से पकेंगे, तो बाजार भाव में कमी आएगी। स्वाद में भी मीठापन बढ़ेगा।’
-डा. लालचंद्र वर्मा, अध्यक्ष, केवीके, लेदौरा।
रिपोर्ट-सुबास लाल