पर्दाफाश: शराब के बंटवारे को लेकर हुई थी युवक की हत्या, दोस्तों ने ही घटना को दिया था अंजाम

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बड़ागांव थाना क्षेत्र में बीते 15 जनवरी को भदोही के युवक का मिला था शव

वाराणसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र में 15 जनवरी को मिले भदोही निवासी युवक के शव की गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि शराब के बंटवारे को लेकर रंजीत सिंह (26) की हत्या उसके दो दोस्तों ने की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोस्तों ने शव को वरुणा नदी में फेंक दिया था। साथ ही रंजीत की स्कूटी को कहीं दूर ले जाकर आग लगा दी और मलबे को बोरे में भरकर कुएं में फेंक दिया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपियों की शिनाख्त बनौली गांव के मुन्ना राम और भगवान राम के तौर पर हुई है। मुन्ना राम हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा से दंडित हो चुका है और इन दिनों जमानत पर जेल से बाहर था।

मुकदमा दर्ज कर शुरू की जांच

पुलिस के अनुसार, कपसेठी थाना परिसर में डीसीपी गोमती जोन विक्रांत वीर, अपर पुलिस उपायुक्त नीरज कुमार पांडे और एसीपी राजातालाब अंजनी कुमार राय ने बताया कि भदोही निवासी रंजीत सिंह पांच जनवरी को अपने बड़े भाई नीरज सिंह के ससुराल गहरपुर गांव आया। उसी दिन शाम से लापता हो गया। 8 जनवरी को परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस की जांच के बीच ही 15 जनवरी को रंजीत का शव बड़ागांव थाना क्षेत्र के बलुआघाट के पास वरुणा नदी में मिला। 22 जनवरी को कपसेठी थाने में नया मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू हुई। पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि पांच जनवरी की शाम रंजीत अपने दो दोस्तों के साथ कालिका धाम स्थित शराब की दुकान पर पहुंचा था।

पैसे मिलाकर खरीदी थी शराब

सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर दोस्तों को पुलिस ने चिन्हित किया। मुन्ना राम पुत्र लोकई राम निवासी ग्राम बनौली थाना कपसेठी और भगवान राम पुत्र स्वर्गीय दुक्खी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया। बताया कि पांच जनवरी की शाम को हम तीनों ने पैसे मिलाकर शराब खरीदी। नदी किनारे शराब पीने लगे। शराब पीने के बाद रंजीत बहक गया और कहने लगा कि उसने 20 रुपए अधिक दिए हैं लिहाजा वो शराब ज्यादा पीयेगा। वहीं, उसके साथ मौजूद दो लोगों का कहना था कि 120 रुपये में से 70 रुपये उनके लगे हैं, इसलिए वह ज्यादा शराब पीयेंगे। इसी को लेकर विवाद हुआ और फिर दोनों ने रंजीत के सिर पर ईंट से वार किया। इसके बाद उसे ब्रह्म बाबा बलुआ इसरवार पुल के समीप वरुणा नदी में धकेल दिया था। इसके बाद रंजीत की स्कूटी में आग लगा कर उसके बचे हुए टुकड़ों को एक कुएं में फेंक दिया गया था।

आला कत्ल और जली हुई स्कूटी के अवशेष बरामद

बनौली गांव में पुल के नीचे पहुंचकर स्कूटी में आग लगा दी। स्कूटी के मलबे को बोरे में भरकर कुएं में डाल दिया। आरोपियों की निशानदेही पर आला कत्ल के साथ ही जली हुए स्कूटी के अवशेष व अन्य सामान को पुलिस ने कुएं से बरामद किया। आरोपी मुन्ना राम हत्या के एक मामले में जेल में बंद था। हाल ही में जमानत पर बाहर आया था। जबकि उसका सहयोगी बिजली विभाग में संविदा कर्मी था जहां से उसे हटा दिया गया था। डीसीपी गोमती जोन ने मामले का पदार्फाश करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपए नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की। आरोपियों के अनुसार उन्होंने रंजीत को पांच जनवरी की देर शाम ठिकाने लगाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार रंजीत की मौत 12-13 जनवरी के बीच हुई थी। इसे लेकर पुलिस के खुलासे पर सवाल खड़े हुए हैं। इस पर डीसीपी गोमती जोन कहा कि हम यह गुत्थी सुलझाने का काम भी कर रहे हैं। पुलिस ने घटना का सही खुलासा किया है। आरोपियों के खिलाफ हमारे पास सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य पुख्ता साक्ष्य हैं।

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