आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वैसे तो दिसंबर माह शुरू होने के साथ ही ठंड का अहसास शुरू हो गया था, लेकिन शनिवार को सुबह हुई बूंदाबादी के बाद बिगड़ा मौसम का मिजाज मंगलवार को भी यथावत रहा। सुबह से ही कोहरे के कारण सूरज की किरणें नजर नहीं आई और पछुआ हवा के कारण हर कोई ठिठुरा रहा। कांपते लोगों के लिए अलाव ही राहत का सहारा बना। किसानों की मजबूरी यह कि गेंहू के खेत में पानी भरना ही था।
मौसम में अचानक बदलाव से गर्म कपड़ों की बिक्री भी बढ़ गई। सबकी जरूरत को ध्यान में रख सड़कों के किनारे में गरीबों की दुकान सज गई है, तो शोरूम में भी आफर मिलने लगे हैं।
बाइक से सफर करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोग निकल भी रहे हैं, तो टोपी और मफलर लेकर। मंगलवार की सुबह कोहरे के कारण आवागमन में यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद कुछ देर बाद ही मौमस का मिजाज और बिगड़ गया। इसके चलते भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए। ठंड व गलन बढ़ने से लोग पूरे दिन ऊनी कपड़ों में अपने को समेट कर रखे। शाम होते ही शहर की सड़कें सूनी हो गईं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 08 डिग्री सेल्सियस रहा। पछुआ हवा की गति औसत 10 किमी प्रति घंटा रही, जबकि आर्द्रता औसत 89 फीसद रिकार्ड किया गया। सबसे अधिक दिक्कत श्रमिक वर्ग को हुई। उन्हें काम का अभाव हो गया है।
इनसेट–खुद को रखें सावधान वरना हो जाएंगे परेशान
फोटो-08- डा. मिर्जा आदिल
लालगंज (आजमगढ़)। ठंड के मौसम में हर किसी को सावधानी बरतने की जरूरत है वरना परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे मौसम में लकवा या स्ट्रोक की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। खासकर वृद्ध लोगों में। जिनको हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या है, पहले से फालिज का झटका लग चुका हो या फिर दिल की, गुर्दे की या खून गाढ़ा होने की बीमारी हो। ऐसे लोगों को काफी सावधानी की आवश्यकता है। बीपी और शुगर की नियमित जांच करवाएं और इनको नॉर्मल रेंज में रखें। अगर दवा खाते हैं तो दवाई का रेगुलर सेवन करें। ठंडे पानी से नहाने से बचें और कभी भी पानी को सीधे सिर पर न डालें, बल्कि पहले पैरों पे डालें। गर्म कमरे से अचानक बाहर न निकलें। बाइक चलाते समय नाक और कान किसी गरम मफलर से अच्छे से ढक लें। समस्या होने पर डाक्टर को बिना देर किए अवश्य दिखाएं।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद