आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जलस्तर में उतार-चढ़ाव के क्रम में आठवीं बार उफनाई सरयू नदी की लहरें चौथे दिन रविवार को लौटने लगीं। 24 घंटे के अंदर जलस्तर में 13 सेमी की कमी दर्ज की गई, जो खतरा निशान 71.68 मीटर से 36 सेमी नीचे रहा। शुरू में तीन और अब पांच गांवों में जलस्तर कम होने के साथ मंद गति से कटान शुरू हो गई
कई गांवों के रास्ते अभी भी पानी में डूब गए हैं, लेकिन जलस्तर कम होने के कारण नाव का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है। इस बीच तीन बैराजों से 62वें दिन भी छोड़े गए 2,57,287 क्यूसेक पानी ने बाढ़ के संकट को बरकरार रखा है। वैसे क्षेत्र के लोगों का मानना है कि लगातार कई दिनों तक ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने पर बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही दिखा है। पानी कम होने के बाद भी खेतों में पानी होने के कारण पशुओं के लिए हरे चारे का संकट बरकरार है। जिनके खेत महुला-गढ़वल बांध के दक्षिण भी हैं वह पांच से छह किमी की दूरी तय कर हरे चारे की व्यवस्था कर रहे हैं।
देवारा क्षेत्र के शाहडीह, सोनौरा, अभ्भनपट्टी, जमुवारी आदि गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी अभी भी दिख रहा था। शनिवार को जलस्तर खतरा निशान से 23 सेमी नीचे 71.45 मीटर था, जबकि रविवार को 13 सेमी घटकर 46 सेमी नीचे पहुंच गया।
देवारा खास राजा ग्राम सभा के झगरहवा, बगहवा, बासू का पुरवा और परसिया के बाद शनिवार से शुरू सहबदिया में भी मंद गति से कटान जारी रही। खेतों में अभी भी पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या बरकरार है। हालांकि, जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अलर्ट है। 10 बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है, तो वहीं 17 आश्रय स्थलों को निर्धारित कर दिया गया है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार