आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी के जलस्तर में सोमवार को एक सेमी की कमी के बाद भी उफान बनी रही। जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से 70 सेमी ऊपर 72.38 मीटर रिकार्ड किया गया। इस बीच पैंतीसवें दिन भी तीन बैराजों से छोड़े गए 3,24,899 क्यूसेक पानी से जलस्तर में वृद्धि की संभावना बनी हुई है।
दर्जन भर गांवों के रास्ते बाढ़ के पानी में डूबे हैं और ग्रामीणों के आवागमन के लिए चार स्थानों पर चार नाव को बढ़ाकर उसकी संख्या 12 कर दी गई है। सोमवार को अजगरा मगर्बी (बेलहिया) में चार, सोनौरा में दो, मानिकपुर अभ्भनपट्टी में दो, चक्की हाजीपुर में तीन तथा बांका में एक नाव लगाई गई। सभी नाव पर नाविक के साथ होमगार्ड के दो जवान लगाए गए हैं। साथ ही लाइफ जैकेट व आपात स्थिति के लिए आवश्यकतानुसार ट्यूब की व्यवस्था की गई है।
प्राइमरी पाठशाला बगहवा में पानी घुसने के बाद शनिवार को ही बच्चों के लिए अवकाश घोषित किया जा चुका है। जलस्तर दूसरी बार 72 मीटर के पार पहुंचा, तो चौथे दिन सोमवार को भी उससे नीचे नहीं गया।
देवारा खास राजा, शाहडीह, बूढ़नपट्टी, भदौरा, मानिकपुर, अभ्भनपट्टी, अजगरा मगरबी आदि दर्जन भर गांवों के रास्ते पानी में डूब गए हैं। प्राथमिक विद्यालय बगहवा परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद विभाग ने बच्चों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है।
एसडीएम नरेंद्र कुमार गंगवार व तहसीलदार विवेकानंद दुबे ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया और क्षमता से अधिक लोगों को नाव में न बैठने की अपील की। सोमवार को मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास जलस्तर 72.38 मीटर रहा, जबकि रविवार को 72.39 मीटर रिकार्ड किया गया था। जलस्तर बढ़ने के बाद अभी झगरहवा और बगहवा में कटान थम गई है। इस बीच आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम चौंतीसवें दिन भी बना रहा और गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों से छोड़े गए 3,24,899 क्यूसेक पानी नेे बहुत जल्द बाढ़ खत्म न होने का संकेत दे दिया है। इस प्रकार अब तक 97,42,645 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था।
जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव के कारण फिलहाल प्रशासन पहले से अलर्ट था, लेकिन दूसरी बार 72 मीटर से ऊपर जलस्तर पहुंचने से ज्यादा सतर्क हो गया है।
रिपोर्ट-सुबास लाल