आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी की लहरें बुधवार को सातवीं बार फिर से उफान मारने लगीं, तो गुरुवार को चौथी बार खतरा निशान पार कर गई। 24 घंटे के अंदर जलस्तर में 28 सेमी की वृद्धि रिकार्ड की गई। इस प्रकार नदी का जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से 21 सेमी ऊपर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने के साथ बगहवा, झगरहवा और बासू का पुरवा में मध्यम गति से कटान जारी रहने से ग्रामीण दहशत में हैं।
बुधवार को नदी का जलस्तर 71.61 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि गुरुवार को 71.89 मीटर पहुंच गया। दर्जन भर गांवों के रास्ते एक बार फिर पानी में डूब गए। जलस्तर खतरा निशान पार होने पर प्रशासन की ओर से चक्की में दो, हाजीपुर, बांका, सोनौरा व मानिकपुर में एक-एक नावों का संचालन शुरू कर दिया गया है। राजस्व निरीक्षक अनिल सिंह ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जरूरत के हिसाब से नावों की संख्या बढ़ाई जाएगी। देवारा क्षेत्र के अभ्भनपट्टी, मानिकपुर, सोनौरा, जमुआरी आदि लगभग एक दर्जन गांवों के रास्तों के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है और लोग नाव से आवागमन कर रहे थे। इस बीच आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम पैंतालीसवें दिन भी बना रहा और गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों से छोड़े गए 3,68,025 क्यूसेक पानी से एक बार फिर बाढ़ और कटान का खतरा गहराने लगा है। इस प्रकार अब तक 1,25,14,512 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था।
जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव के कारण फिलहाल प्रशासन अलर्ट है। तहसील प्रशासन से लेकर बाढ़ खंड विभाग स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। बचाव व राहत कार्य के लिए 10 बाढ़ चौकियों की स्थापना के साथ 14 स्थानों को राहत शिविर के लिए चयनित किया जा चुका है। कटान क्षेत्र के लोगों को पहले ही नोटिस भेजकर सुरक्षा के प्रति सचेत किया जा चुका है और लोग अपना जरूरी सामान समेटने लगे है।
रिपोर्ट-सुबास लाल