फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक बनवासियां की शिकायत पहुंचते ही स्थानीय तहसील के आला अधिकारी हरकत में आ गये और भूमि के सीमांकन को विवादित स्थल पर पहुंच गये।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के सुदनीपुर चकनुरी में गाटा सख्या 315 रकबा 2018 हेक्टयर नवीन परती के खाते में सरकारी अभिलेख में अंकित है। पूर्व में इस भूमि का हिस्सा नैयर आलम पुत्र खालिक सहित पांच भाईयो के नाम पौधरोपण के लिए आवंटन हुआ था। वर्ष 2003 में इन सगे भाइयों का आवंटन निरस्त हो कर ग्राम सभा सुदनीपुर निवासी बनवासी मुसहर जाति के नौ ब्यक्तियों को पौधरोपण के लिए आवंटन किया गया था जिसके बिरोध में नैयर आलम पुत्र खालिक आदि ने हाईकोर्ट में दावा कर स्थगन आदेश करा दिया। इधर 1018 में बनवासियो का आवंटन भी निरस्त कर दिया गया। उसी भूमि के बगल में मस्जिद का निर्माण नैयर आदि द्वारा कराया जा रहा था जिसे बनवासियो ने अपनी आवंटित भूमि का हिस्सा मानकर शिकायत की। स्थानीय प्रशासन तहसीलदार लेखपाल राजस्व निरीक्षक मौके पर पहुंचकर मस्जिद का निर्माण सही स्थल पर बताया जिस पर बनवासी सन्तुष्ट नहीं हुए और आन लाइन शिकायत मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर कर दिया। बनवासियों का मामला देख सरकार ने संज्ञान में लिया और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया। निर्देश प्राप्त होते ही एसडीएम फूलपुर नरेन्द्र कुमार गंगवार के साथ लेखपालो की टीम व क्षेत्राधिकारी अनिल वर्मा कोतवाल अनिल सिंह भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और मस्जिद निर्माणकर्ता से अनुमति पत्र की मांग की। न होने पर मस्जिद निर्माण कार्य रुकवा दिया। बनवासी सरन ने कहा कि एक तो बिना सूचना के हमारा आवंटन निरस्त कर दिया गया दूसरे मनमाने रूप से सीमांकन किया जा रहा है। जो सड़क नक्शे में अंकित नहीं सड़क मानकर भूमि का सीमांकन किया जा रहा है। सरहद से सीमांकन नहीं किया गया न ही 315 गाटा संख्या का सीमांकन ही किया गया। मात्र मस्जिद निर्माण कर्ता की भूमि का सीमाकंन किया गया जिससे हम सन्तुष्ट नहीं हैं। वही ने बताया कि मस्जिद का निर्माण रुकवा दिया गया है और सीमांकन कराया गया। निर्माणकर्ता निर्माण अपनी भूमि में कर रहे हैं।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय