संजरपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया जाता कि पीड़ित को थाने से न्याय दिलाने में सहयोग किया जाय। वहीं सरायमीर पुलिस ने पीड़ित को डांटकर थाने से भगा दिया। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगायी है।
सरायमीर थानांतर्गत चककोट गांव निवासी ओमप्रकाश चौधरी बुधवार को पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर बताया कि नौ जून को सुबह मेरी जमीन में मेरे गांव के कुनाल, विजय, विनोद के साथ दर्जनों लोग ईंट की दीवार बनाकर कब्जा करना चाह रहे थे। जब मैं मौके पर विरोध करने पहुंचा तो मुझे मारा पीटा गया। इसकी सूचना मैंने सरायमीर पुलिस को दिया। पुलिस ने हमें थाने आने को कहा जब मैं थाने आया तो मुझसे मुकदमा लिखने के लिए तहरीर ली गई। 9 जून को प्रार्थना पत्र महिला हेल्प डेस्क पर दिया और मुझे आश्वासन दिया गया कि शाम को मुकदमा लिखकर कार्रवाई की जाएगी। शाम होने पर मेरे विपक्षी की तरफ से मेरे ऊपर मुकदमा लिखकर सब इंस्पेक्टर पंकज यादव हमारे घर पर पहुंच गए और सुबह थाने आने की बात कहकर चले गए। जब मैं मंगलवार को थाने पर आया तो सब इंस्पेक्टर पंकज यादव द्वारा मुझे गाली देकर थाने से भगा दिया गया।
इस संबंध में थाना प्रभारी यादवेन्द्र पांडेय ने बताया कि एक तरफ से मारपीट का मुकदमा लिखाया गया है। किसी पीड़ित को थाने से डांट कर भगाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी और संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
रिपोर्ट-राहुल यादव