पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। महाराजगंज ब्लॉक अंतर्गत जमीलपुर गांव का है जहां गांव के विकास संबंधित घोटाले की जांच के लिए उमेश यादव नदीम और विवेक यादव द्वारा जिलाधिकारी को एक एप्लीकेशन पूर्व ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के खिलाफ दिया गया था जिस को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी ने दो तीन अधिकारियों की एक जांच टीम बनाई और मौके पर जांच टीम को भेजा गया।
जमीलपुर गांव में जब जांच टीम पहुंची तो उस समय गांव में अफरा-तफरी मच गई और दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए और आरोपी पक्ष के लोग शिकायतकर्ता के साथी को अपशब्दों का प्रयोग करते हुए धमकियाँ देने लगे इतना ही नहीं मौके पर मौजूद मीडिया से भी आरोपी उलझ गए किंतु मीडिया कर्मियों ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए यह कहते हुए ओरोपितो को शांत किया कि अधिकारी को अपना काम करने दीजिए वरना शासन के कामों में अड़ंगा डालने के आरोप में आप लोगों को जेल जुर्माना भी हो सकता है। तब जाकर मामला शांत हुआ यह जांच देर शाम तक चली किंतु जाते-जाते मौके पर पहुंचे संबंधित अधिकारी ने सेक्रेटरी से 10 तारीख को मौके पर उपस्थित होकर समस्त प्रकरण से अवगत कराने का आदेश देते हुए कहा है कि इस मामले की पारदर्शिता के बारे में सही सही जानकारी दी जाए जिससे पता चले कि सरकार ने क्या दिया और आप लोगों ने क्या किया और ग्रामीणों ने क्या पाया। इस बाबत जब अधिकारी से मीडिया कर्मियों ने जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि हम रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारियों को सौंपेंगे इसके बाद हमारे अधिकारी ही इसके बारे में कुछ बताएंगे। मामला कुछ भी हो इस जांच से पक्ष विपक्ष में काफी तनाव व्याप्त है। पूरे ग्राम सभा में इन्हीं बातों की चर्चा चल रही है।
रिपोर्ट-बबलू राय