आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर चल रहे कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर विशाल विरोध प्रदर्शन किये गये। कर्मचारियों की हड़ताल से जनपद की विद्युत व्यवस्था कई स्थानों पर चरमरा गयी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक बार पुनः दोहराया है कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों को हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होना पड़ रहा है। बिजली कर्मियों की मांग है कि प्रदेश के सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाले विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा एवं अनपरा में 800-800 मेगा वाट की 2-2 इकाईयां प्रदान किया जाय। संघर्ष समिति के मुख्य पदाधिकारियों राज नारायण सिंह मुन्नवर अली निखिल सिंह संदीप प्रजापति नीरज त्रिपाठी अशेष सिंह संतोष पाल ने सभा को सम्बोधित किया। संयोजक प्रभु नारायण प्रेमी ने बताया कि ये सारे कर्मचारी शांति से कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे और ये भी बताया कि ये हड़ताल हम पर थोपी गई हम हड़ताल नहीं करना चाहते हैं।
पटवध प्रतिनिधि के अनुसार विद्युत विभाग के कर्मचारियों की सांकेतिक हड़़ताल का पटवध कौतुक, बिलरियागंज एवं मऊ कुतुबपुर, रौनापार आदि सभी विद्युत सब स्टेशनों में भी असर दिखा। सभी फिडरों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। गर्मी से सभी लोग परेशान दिखे, घर के इनवर्टर फेल हो गये तथा घर की छतों पर लगी टंकी खाली हो गई। पटवध क्षेत्र में रात 11.30 बजे अचानक बिजली चली गई और पता लगाने पर पता चला कि विद्युत विभाग का सांकेतिक हड़ताल चल रहा है जिसके तहत व्यवस्था डिस्टर्ब है। देखभाल के लिए सारे सभी स्टेशनों पर पुलिस कर्मी को तैनात किया गया है और विद्युत विभाग के प्राइवेट कर्मचारी अपने कामकाज में लगे हुए हैं।
अंजान शहीद प्रतिनिधि के अनुसार सगड़ी तहसील क्षेत्र के जीयनपुर, अजमतगढ़, लाटघाट, बेरमा, अमुआरी विद्युत उप केंद्र पर भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र की हड़ताल का असर दिखा। इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर कार्य पूरी तरह से ठप दिखा।