आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी की लहरें एक बार फिर से उफान मारने लगीं, तो शुक्रवार को भी यही क्रम बना रहा। गुरुवार को चौथी बार खतरा निशान पार कर चुकी नदी की धारा शुक्रवार को भी बढ़ती ही रही। तीसरी बार नदी का जलस्तर 72 मीटर के पार हुआ तो खतरा निशान से 54 सेमी ऊपर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने के साथ बगहवा, झगरहवा और बासू का पुरवा में मध्यम गति से होने वाली कटान की गति मंद हो गई। दर्जन भर गांवों के रास्ते एक बार फिर पानी में डूब गए हैं। जलस्तर 72 मीटर पार होने पर प्रशासन की ओर से नाव की संख्या बढ़ाकर छह से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। बेलहिया में तीन नावों का संचालन शुक्रवार को शुरू कर दिया गया, तो वहीं सोनौरा में दो, हाजीपुर में दो, चक्की हाजीपुर में दो, बांका व मानिकपुर में एक-एक नावों का संचालन हो रहा था। वहीं हालात को देखते हुए 20 परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि जहां कहीं भी आवागमन में समस्या हो वहां बच्चों को अवकाश देने के साथ शिक्षक आसपास के स्कूलों में रहकर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के साथ संचारी रोगों से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें।
देवारा क्षेत्र के अभ्भनपट्टी, मानिकपुर, सोनौरा, जमुआरी आदि लगभग एक दर्जन गांवों के रास्तों के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है और लोग नाव से आवागमन कर रहे थे। इस बीच आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम छियालीसवें दिन भी बना रहा और गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों से छोड़े गए 3,39,177 क्यूसेक पानी से बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। इस प्रकार अब तक 1,28,53,689 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था।
जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव के कारण फिलहाल प्रशासन अलर्ट है। शुक्रवार को बीडीओ हरैया ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा करने के बाद बताया कि सभी ग्राम सचिवों को निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्र में क्रियाशील रहें और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान तय करें। जो उनके वश में नहीं है उसके बारे में ब्लाक मुख्यालय को अवगत कराएं।
रिपोर्ट-सुबास लाल