आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी के जलस्तर ने शनिवार को अपना सारा रिकार्ड तोड़ दिया। जलस्तर दूसरी बार 72 मीटर के पार पहुंच गया, तो पहली बार खतरा निशान से 62 सेमी ऊपर जलस्तर रिकार्ड किया गया। यानी 24 घंटे के अंदर जलस्तर में 84 सेमी की वृद्धि हुई।
देवारा खास राजा, शाहडीह, बूढ़नपट्टी, भदौरा, मानिकपुर, अभ्भनपट्टी, अजगरा मगरबी आदि दर्जन भर गांवों के रास्ते पानी में डूब गए। प्राथमिक विद्यालय बगहवा परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से छात्रों की संख्या ना के बराबर रही और शिक्षक पानी से होकर कमरों तक पहुंचे। इस बाबत हरैया के खंड शिक्षाधिकारी से बात करने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।
हालात को देखते हुए प्रशासन ने चक्की हाजीपुर, बांका, सोनौरा व मानिकपुर में नाव का संचालन शुरू करा दिया है। पूर्व की घटना को ध्यान में रख सभी नावों पर नाविक के साथ होमगार्ड के एक जवान को भी तैनात किया गया है। एसडीएम नरेंद्र कुमार गंगवार व तहसीलदार विवेकानंद दुबे ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया और सभी राजस्व निरीक्षक व लेखपालों को क्षेत्र में बने रहकर हर पल की जानकारी देने का निर्देश दिया।
शुक्रवार की शाम चार बजे मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास जलस्तर 71.46 मीटर था, जो शनिवार की शाम 72.30 मीटर पर पहुंच गया। इस बीच आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम तैंतीसवें दिन भी बना रहा और गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों से छोड़े गए। 3,01,561 क्यूसेक पानी नेे बाढ़ के संकट को और भी गहरा कर दिया है। इस प्रकार अब तक 91,03,130 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था।
जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव के कारण फिलहाल प्रशासन पहले से अलर्ट था, लेकिन पहली बार खतरा निशान से 62 सेमी ऊपर जलस्तर पहुंचने से ज्यादा सतर्क हो गया है। तहसील प्रशासन से लेकर बाढ़ खंड विभाग स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। बचाव व राहत कार्य के लिए 10 बाढ़ चौकियों की स्थापना के साथ 14 स्थानों को राहत शिविर के लिए चयनित किया जा चुका है। हालांकि नदी की प्रकृति के अनुसार पानी बढ़ने के कारण कटान तो बंद है, लेकिन आसपास के लोगों की बेचैनी कम नहीं हुई है।
रिपोर्ट-सुबास लाल