बीएचयू के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में एमएससी फाइनल ईयर का था छात्र
वाराणसी। बीएचयू में उस समय हड़कम्प मच गया जब एक छात्र ने हॉस्टल में पेस्टिसाइड पीकर सुसाइड कर लिया। छात्र का नाम आशीष कुमार नामदेव था। वह केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में एमएससी फाइनल ईयर का छात्र था। वह डालमिया हॉस्टल के रुम नंबर-91 में रहता था। लगभग छह साल पहले कोटा में तैयारी के दौरान भी उसने जान देने की कोशिश की थी। आशीष के दोस्तों ने बताया कि उसने Online पेस्टिसाइड Order किया था। इसका यूज खरपतवार को नष्ट करने के लिए किया जाता है। आशंका है कि बुधवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर आशीष ने पेस्टिसाइड पी लिया। छात्र मध्य प्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला था। लंका थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने आशीष के परिजनों को सूचित कर दिया था।
सूचना पाकर पिता पहुंचे बीएचयू
जानकारी के अनुसार, आशीष ने कमरा लॉक नहीं किया था। लंच करने के लिए छात्र हॉस्टल में आए थे। बगल के कमरे के छात्र जब आशीष के रूम में पहुंचे, तो वह बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। उसका शरीर नीला पड़ता जा रहा था। उसकी हालत देखकर छात्र घबरा गए। आनन-फानन में उसे बीएचयू अस्पताल ले गए। जहां आज करीब 11 बजे आईसीयू यूनिट में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आशीष के इलाज के दौरान उसके दोस्त बुधवार की रात अस्पताल में ही रुके थे। उसकी स्थिति कंट्रोल में थी। लेकिन, आज सुबह अचानक से उसका पल्स और बीपी गिरने लगा। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि पेस्टिसाइड का कोई एंटीडॉट हमारे पास नहीं है, जिससे कि उसे बचा लिया जाता। इसे पीते ही शरीर नीला पड़ जाता है। सुसाइड के बाद केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं हॉस्टल में सन्नाटा पसरा है।
मानसिक रूप से था बीमा
एसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह ने बताया कि आशीष को डिप्रेशन की बीमारी थी। उसका डिप्रेशन की समस्या का इलाज चल रहा था। साल 2017 में जब वह कोटा में डॉक्टरी की तैयारी कर रहा था, तो उस दौरान भी उसने एक बार सुसाइड अटेंप्ट किया था। इस बार उसने दूसरी बार आत्महत्या का प्रयास किया। आशीष जब पढ़ाई करता था तो उसे मानसिक रूप से काफी समस्याएं भी होती थीं। वहीं, बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह ने कहा कि परिजनों से बात करके और हिस्टोरिकल बैकग्राउंड चेक किया गया तो पता चला कि उसका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। आशीष के पिताजी को कल सूचित किया गया था।
बीमारी के कारण अटेंडेंस नही हो पाते थे पूरे
दोस्तों ने बताया कि आशीष पढ़ाई में काफी अच्छा था। वह क्रिकेट भी खूब खेलता था और काफी मिलनसार था। करियर को लेकर डिप्रेशन में था। कुछ ही दिन पहले एक प्लेसमेंट में उसका सेलेक्शन नहीं हो पाया था। वहीं, बीमारी की वजह से क्लास छूट जाती थी। उसका अटेंडेंस शॉर्ट कर दिया गया। उसने कई बार विभागाध्यक्ष को अपनी बीमारियों और समस्याओं के बारे में बताया। इसके बावजूद उसका अटेंडेंस पूरा नहीं किया गया। इसके चलते उसका सेमेस्टर बैक लग गया था। कुछ पुरानी बातों को लेकर वह पहले से ही काफी डिप्रेशन में था। वहीं, करियर खराब होता देख वह अपने आपको संभाल नहीं सका। लिहाजा, सुसाइड को मजबूर हो गया।