मेहनगर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वादकारी का कथन जहां सर्वाेच्च माना गया हैं, वहीं वादकारी तहसील मुख्यालय का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हैं। नायब तहसीलदार शैलेन्द्र चंद्र सिंह की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध अधिवक्ता विगत 26 जुलाई से नायब तहसीलदार कोर्ट का बहिष्कार कर रहे हैं। जिससे वादकारी तहसील मुख्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इससे पूर्व तत्कालीन एसडीएम प्रेमचंद मौर्य व वर्तमान एसडीएम संत रंजन के अलावा अपर जिलाधिकारी प्रशासन आज़मगढ़ अनिल कुमार मिश्रा द्वारा पहल की गई बावजूद इसके भी नतीजा बेनतीजा रहा।
मेंहनगर तहसील के अधिवक्ता नायब तहसीलदार कोर्ट का विगत 26 जुलाई से बहिष्कार कर रहे हैं। अधिवक्ताओं के नायब तहसीलदार कोर्ट में न्यायिक कार्य से विरत रहने की वजह से वादकारी तहसील का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि नायब तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह का जब तक स्थानांतरण नहीं हो जाता, तब तक बहिष्कार रहेगा।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजनाथ यादव ने नायब तहसीलदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मनमाने तरीके से अबैध धन उगाही कर नियम व विधि विरुद्ध लिए जा रहे निर्णय के विरुद्ध न्यायिक कार्य से विरत हैं। जब तक नायब तहसीलदार का स्थानांतरण नही होगा तब तक न्यायिक कार्य बहिष्कार चलता रहेगा। एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि नायब तहसीलदार के अमानवीय, अमर्यादित व्यवहार व इनके कार्य प्रणाली हठवाधिता की जानकारी जिलाधिकारी को लिखित रूप से अवगत कराया गया, बावजूद इसके जिलाधिकारी द्वारा संज्ञान नहीं लिए जाने की वजह से मजबूरन अधिवक्ताओं ने उनके खिलाफ आंदोलन छेड़ते हुए न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया है।
रिपोर्ट-धीरज तिवारी