सरयू नदी की लौटतीं लहरों की रफ्तार मंद, बढ़ा मच्छरों का प्रकोप

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के उत्तरी क्षेत्र देवारा में बहने वाली सरयू नदी की लहरों के लौटने की रफ्तार सोमवार को मंद रहीं। रविवार को 24 घंटे में 28 सेमी की कमी रिकार्ड की गई थी, जबकि सोमवार को मात्र 16 सेमी की कमी दर्ज की गई। यानी देवारा क्षेत्र के ग्रामीण अभी भी बेहाल हैं। जलस्तर कम होने के साथ झगरहवा, बगहवा, बासू का पूरा और सहबदिया में कटान होने से कृषि भूमि नदी की धारा में समा रही है। दर्जन भर गांवों के रास्तों पर अभी भी पानी भरा होने से चार स्थानों पर नाव का संचालन किया जा रहा है। कीचड़ और जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन दवाओं का छिड़काव शुरू नहीं कराया गया है। सोमवार को रविवार की अपेक्षा 16 सेमी की कमी रिकार्ड की गई। मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर है। रविवार को यहां का जलस्तर 70.78 मीटर रहा, जबकि सोमवार को 70.62 मीटर रिकार्ड किया गया। इस प्रकार नदी खतरा निशान से 1.06 मीटर नीचे बह रही थी।
कई दिनों से जलस्तर में कमी के बाद भी 77वें दिन तीन बैराजों गिरिजा बैराज, शारदा बैराज व सरयू बैराज से फिर 1,41,184 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से खतरा बरकरार है। अब तक नदी में कुल 2,08,79,471 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई, 55वें दिन एक सितंबर और 66वें दिन 12 सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया था।
जलस्तर में कमी के बाद चार स्थानों पर कटान जारी है, लेकिन उसकी गति अभी मध्यम है। सितंबर महीने के अंत तक जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भी ग्रामीणों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। फिलहाल प्रशासन की ओर से रविवार से ही वर्मा श्यामदुलारी डिग्री कालेज से राहत सामग्री का वितरण शुरू करा दिया गया है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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