ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण, मिले उपचार का अधिकार

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों की समस्याओं के निदान को इंडियन पैरामेडिकल एसोसिएशन ने मंगलवार को डा. एचजी विश्वकर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन डीएम को सौंपा। इसमें ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण बताने के साथ प्राथमिक उपचार का अधिकार देने की मांग की गई।
डा. एचजी विश्वकर्मा ने बताया कि ग्रामीणों को बेहतर आकस्मिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में पराचिकित्सकों एवं अनुभवशील ग्रामीण चिकित्सकों को प्राथमिक उपचार का अधिकार प्रदान किया जाए। नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के हर विभाग की भर्ती निकाली जाए, अनुभवशील ग्रामीण चिकित्सकों को शासन द्वारा अधिकृत कुशल चिकित्सकों जैसे (जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सालय) द्वारा 6 से 12 माह का प्रशिक्षण दिलाकर प्राथमिक उपचार करने की स्वीकृति प्रदान की जाए। स्वास्थ्य संबन्धित रोगों से बचाव के लिए जन जागरूकता के लिए पराचिकित्सकों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही चिकित्सा मित्र बनाकर प्रशासनिक उत्पीड़न रोका जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में डा. अमन विश्वकर्मा, डा. शैलेंद्र यादव, डा.नविशान अहमद, डा. आरपी शर्मा, डा. रवि प्रकाश डा. प्रमोद विश्वकर्मा, डा. प्रवेश यादव, डा. आरके सक्सेना, डा. विजय यादव, डा. उमाशंकर यादव, डा. अवधेश विश्वकर्मा, डा. पीके सागर, डा. विजय मौर्य, डा. राजकुमार आदि शामिल रहे।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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