आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने मंगलवार को हरिऔध कला केन्द्र में मनरेगा योजनान्तर्गत तमसा नदी जीर्णाेद्धार हेतु आयोजित कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
जिलाधिकारी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि जनपद में तमसा नदी का प्रवेश विकास खण्ड अहिरौला की ग्राम पंचायत असलई से होता है। अपने प्रारम्भिक ग्राम से अन्तिम छोर स्थित ग्राम पंचायत मिर्जापुर, विकास खण्ड सठियांव तक नदी की कुल लम्बाई 89 किमी है। ग्रामीण क्षेत्र के अन्तर्गत तमसा का प्रवाह क्षेत्र कुल 7 विकास खण्डों से होकर गुजरता है, जिसमें विकास खण्ड अहिरौला, मिर्जापुर, तहबरपुर, रानी की सराय, पल्हनी, बिलरियांगज एवं सठियांव विकास खण्डों की कुल 111 ग्राम पंचायते आती है। इस सरिता के तट पर कई पौराणिक एवं धार्मिक स्थल स्थित है, जिनका विशेष महत्व है। प्रमुख पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों में चन्द्रमा ऋषि आश्रम, दुर्वासा ऋषि आश्रम, दत्तात्रेय ऋषि आश्रम एवं द्रोणाचार्य आश्रम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यह नदी आजमगढ की जीवन रेखा है एवं आजमगढ शहर इसके तट पर विद्यमान है।
जिलाधिकारी ने कहा कि तमसा नदी में कई स्थानों पर अत्यन्त गंदगी होने एवं अघुलनशील अपशिष्टों के नदी में प्रवाहित होने के कारण अत्यन्त प्रदूषित होने लगी है। कहीं-कहीं पर नदी का प्रवाह भी अवरूद्ध होने लगा है। विशेष अभियान चलाकर नदी की धारा को अविरल एवं निर्मल बनाने हेतु जनपद स्तर पर मनरेगा योजना के माध्यम से एक अभियान का शुभारम्भ किया गया है।
उन्होने कहा कि नदी की सफाई के लिए जो लोग सीधे जुड़ सकते हैं, उनको प्रशिक्षित किया जाए एवं उनसे संवाद किया जाए। नदियों को गन्दा न करें, नदी को सुरक्षित रखने के लिए विशेष उपाय करें। नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए शहर से नदी में गिरने वाले नालों पर सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (एसटीपी) लगाने के लिए कार्यवाही की जा रही है। जल्द ही शहर से नदी में जाने वाली गन्दगी को रोकने के लिए एसटीपी का स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। उन्होने प्रधानों से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें एवं लोगों को जागरूक करें कि किसी भी प्रकार का अपशिष्ट नदियों न फेंकें।
उन्होने कहा कि बाढ़ के सीजन में नदी के पानी का लेवल जहां तक जाता है, उसके ऊपर 4 या 5 लाइन में अर्जुन, पाकड़, पीपल, बरगद, नीम, जामुन आदि के पौधे लगाने चाहिए, ये पौधे जल में भी जीवित रहते हैं।
जिलाधिकारी ने प्रधानों एवं आम जनमानस से अपील किया कि हमारे ग्राम के किनारे से जो नदी जा रही है, वो हमारी अपनी है, ग्राम के हित में नदी को शुद्ध एवं साफ रखना हमारा दायित्व है। उन्होने कहा कि यदि समस्त 111 ग्राम प्रधान यह दायित्व ले लेंगे तो अधिकतम 2 महीने में तमसा नदी पूरी तरह से जनपद के अन्दर साफ हो जायेगा। उन्होने ग्राम प्रधानों से कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के पैसे का खर्च स्वच्छ मन से किया जाए।
रिपोर्ट-सुबास लाल