आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरयू नदी की लहरे लगातार लौटने लगी हैं। जलस्तर में लगातार कमी के बीच तीन गांवों में मंद गति से कटान शुरू हो गई है। यानी नदी की लौटती लहरें कृषि भूमि को समेटने लगी है। घटते जलस्तर के बीच बुधवार को 58वें दिन तीन बैराजों से 2,85,150 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा अभी भी महसूस किया जा रहा है। हालांकि 24 घंटे में जलस्तर में 11 सेमी की कमी दर्ज की गई। इस प्रकार नदी की धारा खतरा निशान 71.68 मीटर से 77 सेमी नीचे 70.91 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि मंगलवार को जलस्तर 71.02 मीटर था।
वहीं धूप के कारण रास्तों पर फिसलन तो नहीं है, पर जगह-जगह जलजमाव से आसपास के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम शुरू हुआ था। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई और 55वें दिन एक सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया। फिर दो सितंबर से पानी छोड़ने का क्रम शुरू हुआ तो 58वें दिन भी बना रहा। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार कई दिनों तक तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने से ही समस्या आएगी, वरना इतने पानी से मामूली अंतर ही आ सकता है।
पानी कम होने के साथ देवारा खास राजा ग्राम सभा के झगरहवा, बगहवा, बासू का पुरवा के बाद परसिया में भी मंद गति से कटान शुरू हो गई थी। खेतों में अभी भी पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या बरकरार है। हालांकि, जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अलर्ट है।
रिपोर्ट-सुबास लाल