आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत जनपद हेतु निदेशालय से नामित नोडल अधिकारी शैलेन्द्र कुमार संयुक्त कृषि निदेशक द्वारा रविवार को ग्राम करीमुद्दीनपुर विकास खंड पल्हनी एवं ग्राम उवारसेपुर विकास खण्ड मुहम्मदपुर में कृषकों को कृषि की नवीनतम तकनीकी एवं उत्पादन बढ़ाने के गुण बताए गये।
उन्होंने बताया कि लगातार उर्वरकों के प्रयोग से मृदा की सेहत खराब हो रही है। बीमार हो रही मृदा की सेहत को कैसे बेहतर बनाया जाए इसके लिए संतुलित मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग पर बल दिया। लगातार पानी के दोहन से भूगर्भ जल स्तर गिर रहा है। जल को संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है ताकि अगली पीढ़ी को जल का संकट न रहे। पर्यावरण संरक्षण हेतु सभी कृषक वृक्ष अवश्य लगाएं साथ ही कृषकों से फीडबैक भी लिए गए।
केवीके के वरिष्ठ विज्ञानी एवं अध्यक्ष डॉ.अखिलेश कुमार यादव ने जलवायु अनुकूल प्रजातियों के बारे में किसानों को बताया। उन्होंने बताया कि सब्जियों में कीटनाशी का प्रयोग कम से कम किया जाए और प्रयास किया जाए कि कीट एवं रोगों का नियंत्रण जैविक तरीके से किया जाए।
उप निदेशक कृषि मुकेश कुमार ने खरीफ की फसलों हेतु विभिन्न प्रजातियों के उन्नतशील बीजों, कृषि ड्रोन का महत्व, मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी देते फसल अवशेष को न जलाने के बारे में बताया। कृषि वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार विमल एवं दिव्या सिंह ने वैज्ञानिक तरीके से खेती करने तथा किचेन गार्डन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उसके फायदे बताए।
रिपोर्ट-सुबास लाल