आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने बताया है कि शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि राजस्व प्रशासन द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने हेतु 30 मई से 31 जुलाई तक दो माह का विशेष अभियान चलाया जाय। उक्त के क्रम में निर्विवाद वरासत हेतु आवेदन पत्रों के निस्तारण हेतु उ०प्र० राजस्व संहिता नियमावली 2016 के नियम-29 व परिषदादेश में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाय, परन्तु आवेदन पत्रों के अग्रसारण व उस पर की जा रही जॉच आख्या आदि को अंकित करने की कार्यवाही ऑनलाईन प्रक्रिया के अनुसार ही की जायेगी।
उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता में उल्लिखित प्राविधानों के अनुसार संक्रमणीय भूमिधरी व अविवादित वरासत दर्ज कराये जाने के सम्बन्ध में विशेष अभियान चलाये जाने के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके अन्तर्गत आगामी 30 मई से 15 जून तक राजस्व, तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार प्रसार तथा खतौनियों का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें आनलाईन भरा जाना, 16 जून से एक जुलाई तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था लेखपाल द्वारा आनलाईन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना, 2 जुलाई से 17 जुलाई तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था राजस्व निरीक्षक जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना तथा राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में अद्यावधिक करना है। 18 जुलाई से 23 जुलाई तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। 24 जुलाई से 31 जुलाई तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के दस प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जांच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव