आज भी जिन्दा है इमाम हुसैन की याद

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फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय कस्बा में बृहस्पतिवार की रात अंजुमन मासूमिया की ओर से आयोजित शब्बेदारी में खिराजे अकीदत पेश करने अजादारों का हुजूम उमड़ पड़ा। मजलिस के दौरान करबला में शहीद इमाम हुसैन की बेटी जनाबे सकीना का मसाएब सुन सभी लोग रो पड़े। आधी रात के बाद इमाम हुसैन की बेटी जनाबे सकीना का ताबूत उठाया गया। ताबूत पर लोगों ने फूल माला चढ़ा कर खिराजे अकीदत पेश किया। नौहा मातम का सिलसिला देर रात तक चला।
शुरुवात कुरआन पाक की तिलावत से हुआ। शायरे अहलेबैत जफर आजमी वसिलउल हसन उर्फ गुड्डू आजमी, दिलनवाज़, शहजाद और मोहम्मद ने पेशख्वानी किया। मजलिस को खिताब करते मौलाना अब्बास इरशाद लखनऊ ने कहा कि दुनिया की बहुत सारी यादें मिट गई लेकिन आज भी इमाम हुसैन की याद ज़िंदा है। उन्होंने सकीना का मसाएब पेश किया। नौहा मातम के क्रम में अन्जुमन गुलशने अब्बास शाहगंज भादी, अन्जुमन गुंचये नासिरुल अज़ा बड़ागांव जौनपुर, अन्जुमन जाफ़रिया कदीम अम्बेडकर नगर, अन्जुमन जाफ़रिया कदीम वाराणसी ने सीनाज़नी किया। भोर में सकीना का ताबूत निकाला गया। इस दौरान काफी संख्या में महिलाओं ने ताबूत पर फूल माला चढ़ाया। निज़ामत ज़ीशान हैदर ने किया। संयोजक जासिम हुसैन ने आभार प्रकट किया। इस मौके पर ब्यापार मण्डल अध्यक्ष अजय जायसवाल, राम आशीष बरनवाल, सुफियान, राजेश चुट्टूर, नवाब, शाहिद, कायम रजा, दिलशाद, ज़ीशान, विनोद जायसवाल, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद हसन, नफीस अहमद, आफताब, आसिफ आदि मौजूद थे।
रिपोर्ट- मुन्ना पाण्डेय

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