सरयू नदी की लौटती लहरों की धारा में समाने लगी जमीन

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जलस्तर में उतार-चढ़ाव के क्रम में आठवीं बार उफनाई सरयू नदी की लहरें चौथे दिन रविवार से लौटनी शुरू हुईं, तो बुधवार को भी यह क्रम बना रहा। 24 घंटे के अंदर जलस्तर में मात्र दो सेमी की कमी दर्ज की गई, जो खतरा निशान 71.68 मीटर से 58 सेमी नीचे रहा। जलस्तर घटने के साथ चार गांवों में कटान थमने से जहां राहत महसूस की जा रही है, वहीं सहबदिया में कटान की गति तेज होने और कई पेड़ के भी धारा में समाने से ग्रामीण परेशान हैं। अब तक 40 से 50 एकड़ कृषि भूमि नदी की धारा में समाने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि, अभी प्रशासन स्तर पर नुकसान का निर्धारण नहीं किया जा सका है। इस गांव में कई अन्य गांवों के लोगों की भी कृषि भूमि है।
दूसरी ओर गांवों के रास्ते से पानी तो हट गया है, लेकिन आसपास के खेतों में जलजमाव के कारण परेशानी बनी हुई है। इस बीच तीन बैराजों से 65वें दिन भी छोड़े गए 1,88,211 क्यूसेक पानी से बाढ़ का संकट पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।
क्षेत्र के लोगों का मानना है कि लगातार कई दिनों तक ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने पर बाढ़ की संभावना बनी रहती है। पानी कम होने के बाद भी आसपास खेतों में पानी होने के कारण पशुओं के लिए हरे चारे का संकट बरकरार है। मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास मंगलवार को जलस्तर खतरा निशान से 56 सेमी नीचे 71.12 मीटर दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को 58 सेमी नीचे 71.10 मीटर रिकार्ड किया गया। हालांकि, जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अलर्ट है। बाढ़ चौकियों को अभी सक्रिय रखा गया है।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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