कैलेश्वर धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब

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अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को नगर पंचायत के चिश्तीपुर ग्राम सभा में स्थित प्राचीन द्वापर युगीन कैलेश्वर धाम मंदिर में सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भोर से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिर परिसर में देखी गईं। ‘हर हर महादेव’ के जयघोष और शिव भक्ति की गूंज से पूरा क्षेत्र शिवमय हो गया। भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
मंदिर परिसर में सुबह से ही महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी ने श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा-अर्चना कर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। मान्यता है कि यह स्वयंभू शिवलिंग द्वापर युग से विद्यमान है और अपनी अलौकिक ऊर्जा से आज भी भक्तों को शांति और सुख की अनुभूति कराता है। श्रावण मास में हर सोमवार इस धाम पर आस्था का अद्वितीय दृश्य देखने को मिलता है। भक्तों की मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मुराद अवश्य पूर्ण होती है। श्रद्धा, इतिहास और प्रकृति का त्रिवेणी संगम बन चुका है यह मंदिर।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा स्वयं मौके पर मौजूद रहे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। महिला कांस्टेबल, उपनिरीक्षक सहित पुलिस बल ने मुख्य मार्ग से कुछ दूरी पर ही वाहनों को रोककर मंदिर तक पैदल दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की।
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प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का है अद्भुत संगम

अतरौलिया (आजमगढ़)। कैलेश्वर धाम मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन वटवृक्ष, जिसकी मूल जड़ आज तक अनदेखी है, श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करता है। मंदिर प्रांगण में कई छायादार और फलदार वृक्ष हैं, जो वातावरण को रमणीय बनाते हैं। मंदिर के निकट स्थित प्राचीन सरोवर भी इसकी पौराणिकता को प्रमाणित करता है।
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फोटो-महंत दिलीप, धर्मेंद्र निषाद, प्रदीप पांडेय, सागर सोनी, बेबी, प्रियांशु मौर्य
गुरु-शिष्य परंपरा का है केंद्र
अतरौलिया (आजमगढ़)। कैलेश्वर धाम न केवल भक्ति का केंद्र है, बल्कि यहां गुरु-शिष्य परंपरा भी अनवरत चली आ रही है। मंदिर के महंत दिलीप दास जी महाराज ने बताया कि यह धाम सदियों पुराना है और हर वर्ष श्रावण मास में दूर-दराज से कांवरिया जलाभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं।
भक्त धर्मेंद्र निषाद राजू ने कहा, यहां आकर आत्मा को सुकून मिलता है। प्रदीप पांडे बोले, हर वर्ष आता हूं, यहां की शांति और ऊर्जा अद्भुत है। सागर सोनी उर्फ लकी ने इसे नगर पंचायत क्षेत्र की पहचान बताया। वहीं प्रिशु मौर्य ने भावुक होते हुए कहा, यहां आने के बाद मन यहीं रम जाता है, लौटने का मन नहीं करता। पूजा सोनी, बेबी और बबीता ने एक स्वर में कहा, श्रद्धा से किए गए दर्शन से समस्त दुखों का अंत होता है।
रिपोर्ट-आशीष निषाद

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