आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। देश की व्यवस्थाओं से न्याय न मिलने से क्षुब्ध होकर मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी मृतक ने अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जिनेवा स्विटजरलैण्ड ईमेल व डाक द्वारा प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी।
अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में सौंपे प्रार्थना पत्र के माध्यम से लाल बिहारी मृतक ने बताया कि 18 वर्षो तक निजामाबाद तहसील के खलीलाबाद के अभिलेखों के कागज के कफन में दफन कर दिया गया था। मृतक संघ के अनोखे संघषों से जिलाधिकारी व मुख्य राजस्व अधिकारी ने मुर्दा से 30 जून 1994 को पुनः जिन्दा कर दिया था। हाईकोर्ट खण्डपीठ लखनऊ में 25 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा अधिवक्ता के माध्यम से दाखिल किया था। शासन प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों ने 25 करोड़ रुपया न देने के साजिश में 30.7.76 की मृत घोषित फाइल और 30 जून 1994 को मुर्दा से जिन्दा की फाइल गायब कर साक्ष्य मिटा दिया। उन्होने बताया कि कि सरकारी फाइलों चोरी व फ्राड करने वालों के विरुद्ध विचार नहीं किया गया। सुप्रिम कोर्ट द्वारा मुकदमा सहित जुर्माना खारिज कर दिया है। उन्होने कहा कि दलित होने के नाते 47 वर्षो से संघर्ष करना पड़ रहा है न्याय नहीं मिला मजबूरन अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जिनेवा स्विटजरलैण्ड में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार