आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ढोल बैंड पार्टी की टोली द्वारा बजाए जा रहे धुन को सुन लोग घरों से बाहर निकले तो गणपति का दर्शन कर निहाल हो उठे। रास्ते भर जयकारा लगाते चल रहे लोगों के मुख से बरबस निकल रहे थे बोल कि गणपति तेरा ही सहारा है। साथ ही गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ की गूंज सुनकर लोगों को अहसास हो रहा था कि मराठा समाज की ओर से स्थापित प्रतिमा की विसर्जन शोभायात्रा निकली है।
मौका था शहर के दामोदर कटरा में आयोजित सात दिवसीय गणेशोत्सव के बाद प्रतिमा विसर्जन का। विसर्जन आरती के बाद वहां मौजूद लोगों में प्रसाद वितरण के बाद शहर में शोभायात्रा निकाली गई। विसर्जन शोभा यात्रा जिस रास्ते से गुजर रही थी वहां लोग घरों से बाहर निकलकर दर्शन-पूजन और प्रसाद प्राप्त कर रहे थे। वहीं राधा-कृष्ण, राम, हनुमान आदि की झांकी दर्शन कर लोग निहाल हो उठे।
महाराष्ट्र के बड़े पर्व के रूप में माना जाने वाला गणेश उत्सव इस शहर में भी सात दिनों तक श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। शहर में रहने वाले मराठा समाज के लोगों ने इस वर्ष भी सात दिन पहले दामोदर कटरा में भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा स्थापित की थी। यहां सुबह-शाम यहां हवन-पूजन आदि कर रहे थे। इसके अलावा मराठा समाज के लोगों ने अपने घरों में भी प्रतिमाएं स्थापित कर रखी थीं। आखिरी दिन मराठा समाज के लोग अठवरिया मैदान में एकत्र हुए। वहां एक वाहन पर बड़ी प्रतिमा तो उसके पीछे के वाहन पर घरों में स्थापित प्रतिमाओं को रखा गया था। प्रतिमाओं के आगे ढोल बैंड पार्टी और उस पर झूमते भक्त चल रहे थे, तो उसके पीछे महिला, पुरुष, बूढ़े बच्चे बल, बुद्धि रिद्धि-सिद्धि के लिए प्रार्थना कर रहे थे। अठवरिया मैदान से शुरू शोभायात्रा पुरानी सब्जीमंडी, मातबरगंज, चौक, पुरानी कोतवाली, दलालघाट होते हुए गौरीशंकर घाट पहुंची जहां तमसा नदी किनारे गौरीशंकर घाट पर प्रतिमा को विसर्जित कर दिया गया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार