संविधान का मूल मंत्र न्याय, समानता और विविधता में एकता: डीएम

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। संविधान के 75 साल पूरे होने पर स्वतंत्रता के अमृत काल में संविधान दिवस 2024 के अवसर पर मंगलवार को लोक भवन लखनऊ में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार आजमगढ़ में किया गया।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, मुख्य राजस्व अधिकारी विनय कुमार गुप्ता एवं कलेक्ट्रेट के समस्त समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। साथ ही जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी को संविधान दिवस के अवसर पर प्रस्तावना का पाठन कर शपथ दिलायी।
जिलाधिकारी ने बताया कि भारत का संविधान 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में बहुत ही कठिन परिश्रम से तैयार हुआ। इसका मूल मंत्र न्याय, समानता और विविधता में एकता है। डॉ.भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भारत का संविधान, भारत का सर्वाेच्च विधान है, जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।
उन्होने कहा कि आज हमारा देश बहुत ही मजबूती के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है। हमारा देश विश्व में एक ताकत के रूप में उभरा है। उन्होने कहा कि आज का दिन उन सभी महान विभूतियों को याद करने का दिन है, जिनकी मेहनत से संविधान का निर्माण हुआ, और हमें अपने अधिकारों एवं कर्तत्यों के बारे में भी बताता है। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने अच्छा कार्य करने वाले पंचायती राज विभाग के सफाई कर्मी मो.तारिक एवं अवसर अली को मोमेंटो एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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