फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के नेवादा शेखवलिया गांव में गुरुवार को उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब एक शव को कब्रिस्तान में दफनाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा हो गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल मौके पर पहुंचकर हस्तक्षेप किया और समझा बुझाकर मामला शांत कराया।
नेवादा गांव निवासी अरशद की माता का बुधवार की रात निधन हो गया था। गुरुवार सुबह परिजन शव को गांव के निकट स्थित कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी में जुटे थे और उसी दौरान दूसरे पक्ष के लोगों को इसकी जानकारी मिली और वे बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। उनका कहना था कि जहां शव दफनाया जा रहा है वह भूमि विवादित है और राजस्व अभिलेखों में ‘झाड़ी’ के रूप में दर्ज है, इसलिए वहां दफन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के ग्राम प्रधान ओबैदुल्लाह और नसीम अहमद का कहना था कि उक्त भूमि पर 1940 और 1967 में मुंसिफ हवेली न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि वहां शव दफनाने से रोका नहीं जा सकता। इसी आधार पर वे पूर्व से कब्रिस्तान के रूप में उपयोग करते रहे हैं।
तनाव की सूचना मिलते ही एसडीएम अशोक कुमार, क्षेत्राधिकारी अनिल वर्मा, कोतवाल सच्चिदानंद सिंह तथा लेखपाल संतोष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बातचीत की और राजस्व अभिलेखों की जांच कराई। जांच में सामने आया कि जिस भूमि पर विवाद है, वह ग्राम शेखवलिया की गाटा संख्या 308, 317 और 329 है। यह भूमि पूर्व में एडीएम के यहां से कब्रिस्तान के रूप में दर्ज थी, लेकिन वर्तमान में राजस्व परिषद के आदेशानुसार अब ‘जंगल झाड़ी’ के रूप में चिह्नित की गई है। लिहाज़ा एसडीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विवादित भूमि पर शव को दफनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
प्रशासन ने स्थिति को संभालते हुए शव को ग्राम नेवादा के सरकारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक करने का निर्देश दिया। इसके बाद परिजनों ने प्रशासनिक निर्देश के अनुसार शव को वहीं दफन किया। पूरे घटनाक्रम के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय