आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शिक्षक दिवस के अवसर पर निस्वा पहाड़पुर में विद्यालय की छात्राओं द्वारा शिक्षक दिवस मनाया गया। छत्राओं ने विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर शिक्षकों, अभिभावको अतिथियों का मन मोह लिया। प्रबन्धक तारिक ख्वाजा द्वारा समस्त विद्यालय स्टाफ को उपहार भेंट किया गया।
प्रबन्धक तारिक ख्वाजा द्वारा सभी शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गयी। प्रधानाचार्या निशा अफज़ा ने बताया कि ज्ञान ही इंसान को जीने योग्य जीवन की सीख देता है। जिस प्रकार एक शिल्पकार पत्थर को आकार देता है और कच्ची मिट्टी को तपाकर उसके विकारों को दूर करता है। ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक भी छात्रों के अवगुणों को दूर कर काबिल बनाता है। शिक्षक ज्ञान का वह अविरल स्रोत है, जो लाखों छात्रों के भाग्य का निर्माण करता है। उन्होंने बताया कि 5 सितम्बर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। एक बार राधा कृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। इसके बाद से ही 5 सितम्बर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था।
रिपोर्ट-ज्ञानेन्द्र कुमार