आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पूर्व सूचना के आधार पर एक दिवसीय धरना एवं ज्ञापन का कार्यक्रम ज्वाला प्रसाद की अध्यक्षता में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश स्तर के 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं राज्यपाल को दिया गया।
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 पारित करके शिक्षकों के सेवा सुरक्षा पर कुठाराघात करते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 और 21 को कर दिया गया है। जिससे शिक्षकों में अत्यधिक आक्रोश एवं असुरक्षा की भावना व्याप्त है। संगठन सरकार के इस शिक्षक विरोधी कार्य की निन्दा करता है और पुनः धारा 18 और 21 को यथावथ सम्मिलित करने की मागं करता है।
संघ के अध्यक्ष ज्वाला प्रसाद ने कहा कि हम संघर्षाे के बल पर ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करा सकते हैं और शिक्षकों के हितों की रक्षा कर सकते हैं। जिला मंत्री रामअवध राम ने कहा कि हम जिला विद्यालय निरीक्षक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक से मांग करते हैं कि आप के कार्यालय द्वारा लम्बित समस्याओं का यथाशीघ्र न्यायोचित तरीके से निस्तारण कर दिया जाय ताकि शिक्षकों को कार्यालयों का बार-बार चक्कर न लगाना पड़े और वह स्वतन्त्र होकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर सकें। धरने को जिला कोषाध्यक्ष हरिश्चन्द्र ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अमरनाथ यादव, नुरूद्दीन, राजाराम गौतम, कैलाश गौतम, दिलीप कुमार, जामवन्त निषाद, ओमकार प्रजापति, रामप्यारे राम, मोहम्मद आजम, संजय कुमार, गुलाब चन्द्र, अवधेश कुमार राधेश्याम राजभर, विकास कुमार कारूस, कन्हैया यादव, अनील कुमार वर्मा, जयप्रकाश, रूद्ध प्रताप भारतीय, आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार