सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व 4 सितंबर गुरुवार को सेंट जेवियर्स हाई स्कूल समेदा के प्रांगण में शिक्षक दिवस हर्षाेल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया। छात्रों ने अपने शिक्षकों के सम्मान में अनेक प्रकार के सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सर्वप्रथम विद्यालय के आवासीय प्रबंध निदेशक अनिरुद्ध जयसवाल, प्रधानाचार्य विनंजय शर्मा, उप प्रधानाचार्या संगीता राय एवं समन्वयक कुनाल गुप्ता आदि ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित किया व सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया।
छात्रों ने शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को तिलक लगाकर व फूल देकर उनका स्वागत एवं अभिनन्दन किया। विद्यालय के प्रबंध निदेशक ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु या शिक्षक को ऐसे प्रकाश के स्रोत के रूप में ग्रहण किया गया है जो ज्ञान की दीप्ति से अज्ञान के आवरण को दूर कर जीवन को सही मार्ग पर ले चलता है। इसलिए उसका स्थान सर्वाेपरि होता है। उसे साक्षात परब्रह्मा तक कहा गया है।
छात्रों ने अपने शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान व प्यार अपने, कविताओं व विचारों द्वारा मंच पर प्रस्तुत किया। इसके अलावा छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों के लिए कई प्रकार के गेम का आयोजन किया गया जिसमें रैंप वॉक, बाल पास, डांस आदि जिसका छात्रों और शिक्षकों ने भरपूर आनंद लिया। छोटे बच्चों ने भी अपने शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को अनेक प्रकार के उपहार प्रदान किये। प्रबंधक प्रशांत चंद्रा ने सभी शिक्षकों को उपहार देकर उन्हें सम्मानित किया तथा सभी शिक्षकों को ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं दी।
इसी क्रम में सेन्ट जेवियर्स हाई स्कूल एलवल में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में धूम-धाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंध निदेशक प्रशांत चन्द्रा, आवासीय प्रबंधक प्रद्युम्न जायसवाल एवं अनिरूद्ध जायसवाल, प्रधानाचार्य नीलेश श्रीवास्तव, उप-प्रधानाचार्य तरणी श्रीवास्तव, विद्यालय समन्वयक धीरेन्द्र भारद्वाज, यामिनी अरोरा, मोना सिंह आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विद्यालय के होनहार एवं प्रतिभावान छात्रों द्वारा बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया गया। सर्वप्रथम बच्चों ने गुरू वंदना के माध्यम से कार्यक्रम की शुरूआत की और अपने गीत, नृत्य आदि के माध्यम से स्वदेश की बहुरूपता में एकरूपता स्थापित करते हुए प्रांगण मंे उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं एवं विद्वतजन का मन मोह लिया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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