आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शिब्ली नेशनल कॉलेज में आयोजित शिब्ली डे पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कुलपति ने कहा कि शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता है। अच्छा शिक्षक वही है जो कक्षा में अच्छा या बुरे छात्र-छात्राओं को पहचान ले। महाविद्यालय के अन्य कार्यों की जिम्मेवारी अपने कक्षाओं की समाप्ति या द्वितीय विकल्प के रूप में पूरा करें। शिब्ली कॉलेज को आगामी दिनों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने, शिक्षकों के रिक्त पद पर नियुक्ति तथा नैक मूल्यांकन कराना कालेज के संस्थापक शिब्ली नोमानी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कुलपति ने कहा कि 1883 में अंग्रेजों के जमाने में नेशनल शब्द कालेज में जोड़ना उनके हिम्मत व दूरदर्शी विजन को दर्शाता है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति की रक्षा, छात्रों के शैक्षणिक सुधार के साथ-साथ उनके आचार-विचार में भी सुधार लाया जाय। कार्यक्रम में क्वीज निबंध, डिबेट, मेहंदी, स्वरचित कविता, पेंटिंग तथा स्केचिंग प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा, प्रबंध समिति के अध्यक्ष अबू शाद शम्सी, उपाध्यक्ष डॉ.अजमल, सोसायटी के अध्यक्ष डॉ.शौकत अली, इंटर कॉलेज के प्रबंधक मिर्जा महफूज बेग, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अफसर अली तथा प्रबंधक अतहर रशीद खान ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वार्षिक परीक्षा में सर्वाेच्च अंक लाने वाली अरबी विभाग की शहला तबस्सुम तथा दर्शनशास्त्र विभाग की कविता सोनकर को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आजमगढ़ मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ.शौकत अली तथा संचालन अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.खालिद एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.अफसर अली ने किया। उक्त जानकारी महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र के सहायक प्रोफेसर सह मीडिया प्रभारी डॉ.बीके सिंह ने दी।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार