दसवीं मुहर्रम को निकाला गया ताजिया जुलूस

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दसवीं मोहर्रम के रोज जनपद के अलग अलग स्थानों पर ताजिया जुलूस निकाला गया। इस दौरान शिया समुदाय द्वारा सिनाजनी भी की गयी। इस मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में फोर्स तैनात रही।
लालगंज दसवीं मुहर्रम के रोज़ मंगलवार को देवगांव में ताजिया जुलूस निकाल कर जंजीरी मातम किया गया। इस अवसर पर एसडीएम सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी, सीओ मनोज कुमार रघुवंशी व तहसीलदार शैलेंद्र कुमार सिंह व कोतवाल शशि मौलि पांडे भारी पुलिस फोर्स के साथ वहां मौजूद रहे। मोहर्रम की दसवीं तारीख को मंगलवार को ताजिया का बड़ा जुलूस निकाला गया जिसमें कई स्थान के ताजियादारों भी आकर यहां शामिल हुए और बाजार मे जंजीरी मातम किया। जिसमें भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी के साथ सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए सीओ मनोज कुमार रघुवंशी और कोतवाल शशि मौली पांडे भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
निजामाबाद प्रतिनिधि के अनुसार तहसील क्षेत्र के विभन्न गांवों में गम जदा माहौल में 10वीं मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। चारो तरफ हुसैन की याद में मातम की आवाजें गूंज उठी। हर अजादार मातम-ए-हुसैनी का सोगवार था। जंजीर और कमा से मातम करते हुए नौहा, सोज और मर्सिया पढ़कर सीनाजनी किया गया। ताजिया कर्बला की जानिब बढ़ते रहे और अकीदतमंद या हुसैन-या हुसैन की सदा बुलंद करते रहे। कस्बे के काजी साहब इमाम बारगाह से 10वीं मोहर्रम का जुलूस ताजिया, अलम व तबल के साथ निकला।
अतरौलिया प्रतिनिधि के अनुसार -हजरत इमाम हुसैन की शहादत में त्याग व बलिदान का त्यौहार मंगलवार को मनाया गया। जिसमें ताजियादारों ने ताजिया के साथ निर्धारित रूट पर मातमी जुलूस निकाला। इस दौरान खिलाड़ियों ने अपने कला व ताजियादारों ने जमकर मातम कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। इस दौरान सड़कों पर काफी भीड़ रही। लोग मातमी जुलूस देखने को सड़कों पर उमड़ पड़े। महिलाएं भी अपने छतों से जुलूस की एक झलक पाने को आतुर दिखीं। मुसलमानों का पावन पर्व मुहर्रम परंपरागत एवं शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। पूरी अकीदत के साथ बनाई गई ताजियों की सजावट, खेल कूद का प्रदर्शन व ढोल ताशे की आवाज से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। मोहर्रम पूरे अकीदत व सादगी के साथ मनाया गया। अंजुमनों द्वारा पढ़ी गयी नौहा व नात भी लोगों को कर्बला की याद दिलाया तथा यजीद के जुल्म को सुनकर लोगों के आंखों में आंसू निकल पड़े।
अंजानशहीद प्रतिनिधि के अनुसार- मोहर्रम की दसवीं तारीख को जीयनपुर इमामबाड़े से ताजिए का जुलूस निकाला गया जो पारंपरिक मार्गों से होते हुए देर शाम कर्बला मैदान में दफ़न किए गए। जुलुस आदर्श नगर से शुरू होकर, आजादनगर होते हुए जुलूस जीयनपुर करबला मैदान पहुंचा। जहां शिया समुदाय ने नौहा मातम किया, उसके बाद जुलूस को आगे बढ़ाया गया, वही जुलूस चुनगपार, समतानागर होते हुए , ताजिए व ढोल ताशों के साथ शाम जीयनपुर मुख्य चौक पर पहुंचा। जहां मौलाना ने मजलिश को खिताब किया, वही मौलाना ने कर्बला की जंग के बारे में बताया , कर्बला में इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों को याद कर मजलिश में बैठें लोग रोने लगे।

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