स्वामी प्रसाद अधर्मी और पापी है, ‘रासुका’ लगाने की मांग

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रामचरितमानस पर दिए गए विवादित टिप्पणी पर फूंका गया सपा नेता का पुतला

वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के श्री रामचरित मानस को लेकर दिए गया विवादित बयान थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुभाषवादी कार्यकर्ताओं और मुस्लिम महिलाओं ने रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन किया। सरकार से ऐसा करने वालों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की मांग की। लमही स्थित मुंशी प्रेमचंद स्मृति द्वार पर श्री रामचरित मानस को मुस्लिम महिलाओं ने सिर पर रख सर्वोच्च सम्मान दिया। हाथों में तख्तियां लेकर संदेश दिया कि किसी धर्म का अपमान अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारतीय अवाम पार्टी की नजमा परवीन के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में सैंकड़ो लोग शामिल हुए।

उसे जेल भेजा जाए

तख्तियों पर लिखा था- स्वामी तुझसे बैर सही, तेरी अब खैर नहीं। स्वामी प्रसाद मौर्य के महापाप को कभी माफी नहीं। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंका। नारा गूंज रहा था- जो राम के साथ नहीं, उसे रहने का अधिकार नहीं। नजमा परवीन ने कहा कि श्रीराम चरित मानस दुनिया का पवित्रतम धर्म ग्रंथ है। यह सिर्फ सनातन धर्म के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व के प्रत्येक नागरिकों के लिए उपयोगी है। मानस पर टिप्पणी करने वाला स्वामी प्रसाद अधर्मी और पापी है। सरकार से मांग किया कि स्वामी प्रसाद मौर्य को जेल भेजा जाए। साथ ही संपत्ति भी जब्त की जाए। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी और प्रतियां जलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाए। दलित चिंतक ज्ञान प्रकाश ने कहा कि श्री रामचरित मानस की वजह से दलितों को सम्मान मिलता है।

महिलाओं ने जताई नाराजगी

स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्री रामचरित मानस का नहीं बल्कि दलित समाज का अपमान किया है। दलित समाज के लोग स्वामी प्रसाद और उसके दल का घर-घर बहिष्कार करेंगे। जो भगवान श्रीराम के विरुद्ध होगा उसका पूर्णत: बहिष्कार किया जाएगा। मुस्लिम महिलाओं की नेता नाजनीन अंसारी ने कहा कि जिसने श्रीराम चरित मानस को पढ़ां नहीं वह अशोभनीय टिप्पणी कर रहा है। विदेश से पैसा मिला होगा तभी ये देश में हिंसा और नफरत फैलाने की साजिश कर रहा है। भगवान श्रीराम अखंड ब्रह्माण्ड के नायक हैं। भगवान राम सबके पूर्वज हैं। धर्म बदलने से पूर्वज नहीं बदलते। स्वामी प्रसाद के बयान को सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान में लेकर इसको दंडित करे।

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