आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील क्षेत्र के उत्तरी इलाके में बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर में उफान लगातार जारी है। शुक्रवार को पांचवें दिन भी तीन बैराजों से 294716 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से देवारा क्षेत्र के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ने लगी है। पांच दिनों में अब तक तीन बैराजों से 1748080 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।
झगरहवा गांव के पास कृषि योग्य भूमि लगातार नदी की धारा में विलीन हो रही है, तो वहीं हाजीपुर, बांका, बूढ़नपट्टी, साहडीह, मानिकपुर, अभन पट्टी, सोनौरा, चक्की हाजीपुर गांव के संपर्क मार्ग पर पानी चढ़ जाने से पैदल आवागमन बंद हो गया है। गुरुवार को मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास नदी का जलस्तर खतरा निशान से 27 सेमी ऊपर रिकार्ड किया गया, जबकि शुक्रवार को सात सेमी और बढ़कर 34 सेमी ऊपर रिकार्ड किया गया। यहां खतरा निशान 71.68 मीटर है, जबकि नदी 72.02 मीटर पर बह रही थी। जलस्तर में वृद्धि से झगरहवा गांव के पास कटान जारी है। अब तक लगभग 10 फीट भूमि नदी की धारा में समा चुकी है। संपर्क मार्गों पर पानी चढ़ जाने से आवागमन प्रभावित हो गया है और ग्रामीण नाव से आवागमन कर रहे हैं। हाजीपुर, मानिकपुर व सोनोरा में लोगों को आवागमन के लिए नाव लगा दी गई है, आसपास गांवों के लोग भी इन्हीं स्थानों से रोजमर्रा की जरूरतों को पूरी करने के लिए आवागमन कर रहे हैं। बचाव राहत कार्य के लिए प्रशासन द्वारा 10 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। बाढ़ खंड के अनुसार शुक्रवार को 294716 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि गुरुवार को 308747 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। शुक्रवार को गिरजा बैराज से 117776, क्यूसेक, शारदा बैराज से 157290 क्यूसेक व सरयू बैराज से 19650 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। इससे देवारावासियों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं और 2022 में आई बाढ़ को याद कर सिहर जा रहे हैं जब बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी। उस समय बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया था और घरों में रखा अनाज व जानवरों का भूसा पूरी तरह से भींग गया था। लोग अपने जानवरों के साथ महुला-गढ़वल बंधे पर या आश्रय स्थलों पर रहने को मजबूर हो गए थे।
रिपोर्ट-सुबास लाल