आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना अंतर्गत मोबिलाइजेशन ऑफ़ स्कूल स्टूडेंट्स कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के नवनियुक्त वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. अखिलेश यादव के नेतृत्व में गुरुकुल इंटर कालेज, कोटवा, रानी की सराय में किया गया। छात्र एवं छात्राओं को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया। मकसद यह कि फसलों के अवशेष को खाद में परिवर्तित करने की विद्या विद्यार्थी अपने क्षेत्र में बता सकेंगे।
डा. अखिलेश यादव ने बताया कि फसलों के अवशेषों को जलाने से मृदा, वायु, वातावरण आदि में गंभीर नुकसान होते हैं। केंद्र के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डा. रणधीर नायक ने बताया कि फसलों के अवशेषों को खाद बनाकर उसको अपने मृदा में मिलाकर अपनी खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ ही साथ वातावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। डा. रणधीर नायक ने बताया कि फसल अवशेष को खेत में सड़ाने के लिए वेस्ट डीकंपोजर का घोल का प्रयोग कर खेत में ही फसल अवशेष को सड़ा सकते हैं। उद्यान वैज्ञानिक डा. विजय कुमार विमल ने बताया कि फसल अवशेष को सब्जियों की खेती व बगीचों में फैलाकर खरपतवार नियंत्रित कर सकते हैं। फसल अवशेष प्रबंधन की जागरूकता को बढ़ाने के लिए स्कूल के छात्राओं के बीच निबंध, क्विज और पेंटिंग आदि की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
पेंटिंग, क्विज एवं निबंध प्रतियोगिता में क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थानल पाने वालों को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट-सुबास लाल