आईपीएस अरीबा नोमान के प्रेरणाप्रद संदेश से छात्र -छात्रएं हुई अभिभूत

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आजजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। रानी की सराय के पास स्थित आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में प्रेरणाप्रद सत्र का आयोजन किया गया। इस प्रेरणा प्रद सत्र की मुख्य अतिथि 2021 बैच की आई.पी.एस. अरीबा नोमान रहीं।
विद्यालय के स्काउट गाइड के छात्रों ने मार्च पास्ट कर अभिवादन किया। विद्यालय के प्रबंधक मोहम्मद नोमान, प्रधानाचार्या रुपल पांड्या तथा उपप्रधानाचार्या रूनाखान ने स्मृति चिह्न, पुष्प गुच्छ अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया। यह सुल्तानपुर जिले की मूल निवासी हैं, इनकी स्कूली शिक्षा सुल्तानपुर जिले स्टेला मॉरिस कॉवेंट स्कूल से हाई स्कूल, दिल्ली के सीनियर सेकेंडरी स्कूल तथा वही से कंप्यूटर साइंस विषय में दिल्ली विश्वविद्यालय से वीटेक किया। आईपीएस की तैयारी करने के लिए इन्होंने एक मल्टी नेशनल कंपनी से नौकरी छोड़कर आईपीएस की तैयारी में समर्पित हो गई। चौथे प्रयास सन् 2021 में ऑल इंडिया में 109वीं रैंक प्राप्त कर अपने सर्वाेत्कृष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति की। अपने माता-पिता परिवारजनों तथा देश का नाम रोशन किया। अरीबा नोमान ने अपने वक्तव्य में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि लक्ष्य सामने हो तथा व्यक्ति अनुशासित हो तो सफलता अवश्य प्राप्त होती हैं। यदि हम अपने लक्ष्य प्राप्त करने में असफल होते तो हमें अपनी असफलताओं पर अवश्य ही विचार करना चाहिए। केवल सोच लेने मात्र से ही सफलता नहीं मिलती जब तक उसे हम क्रियान्वित नहीं करते हैं। छात्र -छात्राओं के जिज्ञासा परक प्रश्नों का उत्तर बड़ी सहजता एवं सरलता से देकर उनकी जिज्ञासाओं का शमन किया। छात्र अपने प्रश्नों का उत्तर पाकर प्रसन्नचित्त हुए।
विद्यालय के प्रबंधक मोहम्मद नोमान ने आईपीएस अरीबा नोमान के प्रति तथा उनके माता-पिता के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और कहा कि इंसान को बड़े ही संयम से कार्य करना चाहिए। व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयां आती जाती है लेकिन उन्हें अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं होना चाहिए तथा सतत प्रयास कर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। किसी की सफलता में किसी न किसी की व्यक्ति की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या रूपल पांड्या ने आई पी एस अरीबा नोमान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आप के द्वारा प्रदत्त प्रेरणादायक उपदेश को छात्र ग्रहणकर अपने जीवन में सफल हो सकेंगे। हमें अपने लक्ष्य को हमेशा ऊंचा रखना चाहिए। किसी भी लक्ष्य को सकारात्मक रूप देने के लिए अनुशासन, तथा कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उपप्रधानाचार्या शिक्षक गण एवं शिक्षिका तथा छात्र -छात्राओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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