आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरसों की बोआई का समय निकल रहा है। ऐसे में अविलंब बोआई कर देनी चाहिए। उत्पादन के साथ तेल की मात्रा में वृद्धि के लिए सिंगल सुपर फास्फेट फास्फेट खाद का प्रयोग करना चाहिए। यह खाद तिलहनी फसलों में गंधक तत्व की भी पूर्ति करता है, साथ ही तेल की मात्रा और उत्पादन में वृद्धि करता है। कृषि वैज्ञानिक डा. एलसी वर्मा के अनुसार सिंगल सुपर फास्फेट खाद में 16 फीसद फास्फोरस और 12 फीसद सल्फर होता है, जो सरसों के दाने की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाता है। साथ ही इसमें पहले से सल्फर के साथ कैल्शियम भी होता है, जो कि सरसों की बढ़वार के लिए आवश्यक होता है।
इनसेट–सिंगल सुपर फास्फेट से होने वाले फायदे
आजमगढ़। सिंगल सुपर फास्फेट को यूरिया के साथ प्रयोग करके सरसों की खेती को बेहतर की जा सकती है। इससे सरसों के बीज में चमक और तेल की मात्रा बढ़ती है। डीएपी की तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट न केवल सस्ता ह,ै बल्कि इससे पैदा होने वाले सरसों की क्वालिटी अच्छी होने की वजह से उसका मंडी में भाव भी अधिक मिलेगा।
रिपोर्ट-सुबास लाल