रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कारसेवा में खाई थी 23 दिन की जेल की हवा आज छाई खुशी प्रभु श्रीराम आ रहे हैं। हर तरफ खुशियां मनाई जा रही है तो वे भी प्रभु राम के लिए किये गये कार्याें को मान प्रफुल्लित हैं। जेल में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिह से भी मिले थे और जेल में लिए आटोग्राफ को आज भी सहेज कर रखे हैं। इनमंे खुशी के दीप जल रहे हैं। ये खुंशियां है रानी की सराय कस्बा निवासी ज्ञानचंद, दिलीप समेत सभी कार सेवकांे की।
अयोध्या में रामलला बिराजमान हो गये और प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। सभी खुशी में हैं वहीं उनमंे खुशी का ठिकाना नहीं जो कारसेवा कर अपनी भागीदारी निभाई थी। बाबरी विध्वंस के दौरान दो बार कारसेवा हुई दोनो में ही लोगो ने भूमिका निभाई। पहली कारसेवा में वर्ष 1990 में रानीकीसराय कस्बे से एक दर्जन कार सेवको का दल नन्द किशोर गुप्ता के नेतृत्व में गया था। गांव की पगडंडियों के सहारे सभी फैजाबाद के गोसाईगंज पहंुच गये। यहां चप्पे चप्पे पर पुलिस थी लिहाजा ग्रुप बनाकर दो की संख्या में निकलना था। पास के ही एक गांव का नाम सभी ने रटा था जिससे पुलिस को चकमा दे सके।
कारसेवा में जेल में रहे कस्बा निवासी ज्ञानचंद चौरसिया ने बताया जैसे ही हम लोग सड़क पर आये तैनात दरोगा ने रोक लिया। जब पता पूछा तो पास के ही गांव मंे अपना ननिहाल बताया। हम लोग खड़े ही थे कि साथ में गये रामबहाल आ गये इनसे भी पता पूछा अभी कुछ बताए उससे पहले दरोगा ने कहा तुम्हारा भी ननिहाल वही है। पुलिस ने हमारे साथी दिलीप गुप्ता, अनूप चौरसिया और हरिगोबिन्द को वाहन में बैठाकर थाने लाए यहां से इलाहाबाद नैनी जेल भेज दिया गया। इधर रामबहाल पुलिस को चकमा देकर निकल गये।
दिलीप और ज्ञानचंद ने बताया कि जिस बैरक में हम थे वहीं मध्यप्रदेश के विधायक प्रभात पांडे और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी थे। वहां कारसेवकों की काफी संख्या थी। जेल मंे ही एक कागज पर अपने चार साथियों के नाम पता लिखा गया और फिर उसी कागज पर कल्याण सिंह का आटोग्राफ लिया गया। कागजात आज भी ज्ञानचंद ने संजोए रखा है। 23 दिन बाद जेल से रिहा होकर घर आये। आज जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम आ रहे हैं प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो हम भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे है कि प्रभु राम के काम आये। उन्होंने बताया कि गोसाईगंज मंे जहां दिलीप, ज्ञानचंद और अनूप रुके थे रात में ही रामबहाल को बिच्छू ने डंक मार दिया। बिच्छू के डंक से बुखार से पीड़ित हो गये। जिस समय दरोगा ने पकड़ा उस समय भी दर्द बयां की हालांकि दरोगा ने नरमी दिखाई थी।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा