पहले भी हो चुकी है मौतें, लाशों की संख्या और बढ़ने की आशंका
आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)। जनपद में शराब खलनायक बन गई है। वो शराब जो चुनावी सीजन में कभी ठेके पर बिकती है तो कभी वोट के सौदागर मुफ्त में गरीबों के घरों तक पहुंचा देते हैं। छिटपुट मौतें भी होती हैं, लेकिन जलजला तब उठता है जब जहरीली शराब थोक में जिंदगियां निगलने लगती है। तब सामने आता है विधवा हो चुकी तमाम औरतों और उनके बच्चों की आखों से लरजते हुए आंसू। कई बार मौत इतनी भयानक होती है कि लोगों के आंसू भी सूख जाते हैं।
यूपी के आजमगढ़ में जहरीली शराब से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों का दर्द एक जैसा है। जहरीली शराब ने अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल कस्बे में 20 फरवरी की रात से तांडव मचाना शुरू किया तो सिलसिला थमा ही नहीं। यह शराब अब तक तेरह जिंदगियां लील चुकी है। सबसे पहले माहुल कस्बे के बीर अब्दुल हमीदनगर निवासी फेकू सोनकर (32) की मौत हुई। फिर बार-बारी से झब्बू (45), रामकरण बिंद (55), अच्छेलाल (40), सतिराम (45) के अलावा रसूलपुर के विक्रम बिंद (55), लहुरमपुर (पवई) के पंचम (60), राजापुर के बुद्धू (50), राजापुर माफी के छेदी (54) और दक्खिनगांवा के रामप्रीत (55) समेत कुल 13 लोगों की जानें चली गई शराब कांड में मरने वालों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है।
पहले भी यही शराब बन गई थी खलनायक
अभी दर्जन भर गंभीर लोगों का इलाज आजमगढ़ के जिला अस्पताल में चल रहा है। खबर है कि जहरीली शराब पीने से कई लोगों की आखों की रोशनी जा चुकी है। जहरीली शराब से जिन लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है उनकी तादाद 60 से भी ज्यादा है। माहुल कस्बे के बुझारत (50), हरिराम (55) प्यारेलाल (70), रामदयाल (60), पिंटू सोनकर (33), चतुरी (50), दखिनगांवा के राधेश्याम चौरसिया (50) समेत 41 लोगों को आजमगढ़ और जौनपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है। आजमगढ़ जिला अस्पताल में 35 से ज्यादा मरीजों के पहुंचने से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई।
आजमगढ़ में जिस जहरीली शराब से लोगों की मौतें हुई हैं वो माहुल कस्बे में अहरौला रोड स्थित देसी शराब के ठेके से खरीदी गई थी। ठेके के बगल में ही पुलिस चौकी भी है। यह ठेका पूर्वांचल के बाहुबली नेता रमाकांत यादव के नजदीकी रिश्तेदार रंगेश यादव के नाम से आवंटित है। रमाकांत पहले भाजपा से जुड़े थे। साल 2017 के चुनाव में फूलपुर-पवई सीट से इनके पुत्र अरुणकांत यादव भाजपा के टिकट से विधायक बने थे। अबकी रमाकांत यादव सपा में शामिल हो गए और वो पार्टी का टिकट लेकर मैदान में भी कूद गए। जहरीली शराब कांड के पीड़ितों के मुताबिक, रंगेश यादव के ठेके से रविवार देर शाम उन्होंने शराब खरीदी। घटना के रोज विशेष स्कीम बताकर जहरीली शराब सस्ते दाम पर बेची जा रही थी, जिसे खरीदने के लिए लोग टूट पड़े थे। जिन लोगों ने छककर शराब पी उन्हें तत्काल उल्टियां आनी शुरू हो गईं। देखते ही देखते कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। कुछ इलाज से पहले और कई इलाज के दौरान काल के गाल में समा गए। परिजनों के खोने से आहत लोगों के धैर्य का बांध तब टूट गया जब मौतों का ग्राफ ऊपर बढ़ने लगा। माहुल के लोग आक्रोशित हो गए और केवटाना बस्ती के पास माहुल-अम्बारी मार्ग पर 21 फरवरी को दोपहर में जाम लगा दिया। इस दौरान भीड़ ने बाहुबली नेता रमाकांत पर अपने रिश्तेदारों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। जाम लगाने वालों ने रमाकांत-मुदार्बाद के नारे भी लगाए। शराब ठेकेदार की गिरफ्तारी के साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिजनों के लिए एक-एक करोड़ रुपये के मुआवजे की डिमांड रखी गई।
जानकारी के अनुसार चक्काजाम की सूचना पर आजमगढ़ के जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य मौके पर पहुंचे और करीब चार घंटे बाद आक्रोशित भीड़ को किसी तरह से शांत कराया। घटना के बाद से पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। रविवार और सोमवार को जिन लोगों ने जहरीली शराब का सेवन किया उनमें से तीन दर्जन से अधिक लोगों को नौ सरकारी एंबुलेंस के जरिए अहरौला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा गया।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
आजमगढ़ के माहुल में जिस शराब के ठेके से देसी शराब बेची जा रही थी, उसके सेल्समैन सहित दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। शराब का सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने दावा किया है कि जहरीली शराब कांड में जो भी लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को एनएसए में निरुद्ध किया जाएगा। समूचे आजमगढ़ जिले में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कितने लोगों ने ठेके से जहरीली शराब खरीदी और उसका सेवन किया? इस हादसे में जिन तेरह लोगों के मौत की पुष्टि हुई है उनमें से पांच का अंतिम संस्कार कर दिया गया और अन्य चार शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।